रिश्तों के बीच सियासत: मुलायम ने कहा क्यों ना आपके खिलाफ कारवाई हो..

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उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी में टिकट बंटवारे को लेकर जारी कलह के बीच शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश यादव और रामगोपाल यादव को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। मुलायम सिंह ने अखिलेश से पूछा है कि अलग लिस्‍ट कैसे जारी की गई। क्‍यों न आपके खिलाफ कार्रवाई हो?

सूत्रों की माने तो नोटिस देने से पहले हुई बैठक में शिवपाल के सामने मुलायम रो पड़े। कहा जिस पार्टी को इतनी मेहनत से बनाया, अखिलेश उसे तोड़ने को अमादा, लेकिन उसकी मनमानी नहीं चलने दूंगा। बताया जा रहा है कि इस बैठक में बेनी प्रसाद वर्मा भी मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार रामगोपाल यादव को एक बार फिर पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

आपको बता दें नोटिस का जवाब देने की समय सीमा तय नहीं की गई है। इधर, रामगोपाल ने राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाया है। पहली तारीख को पार्टी का विशेष प्रतिनिधि सम्मेलन राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के सभागार में 11 बजे होगा। ये पार्टी का सबसे बड़ा फोरम होता है जो पार्टी में अगर कहीं गरबड़ी हो तो उसे सुधारने का काम करता है।

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पिता-बेटे की कैंडिडेट्स लिस्ट को ऐसे समझें:
मुलायम की लिस्ट अखिलेश की लिस्ट
कितने नाम 325 235
कितने मौजूदा विधायक 176 171
कितने मंत्री 30 36
कितने मुलायम के करीबी 88 65
कितने अखिलेश के करीबी 56 110
कितने शिवपाल के करीबी 164 60
कितने दागी 77 38
कितने यादव-मुस्लिम 114 56
कितने अगड़े 63 31

 

बता दें, मुलायम और अखिलेश के बीच 31 नामों को लेकर विवाद है। मुलायम सिंह ने 393 कैंडिडेट्स के नाम तय किए। इसके बाद अखिलेश ने 235 कैंडिडेट्स की अपनी अलग लिस्ट जारी कर दी।  बेटे ने 171 तो पिता ने 176 सिटिंग एमएलए को टिकट दिया। दोनों की लिस्ट में 145 नाम कॉमन हैं।
अखिलेश शुरू से कहते रहे कि वे बाहुबलियों-माफियाओं को टिकट नहीं देंगे, लेकिन अपनी लिस्ट में उन्होंने इसका ख्याल नहीं रखा। उनकी लिस्‍ट में कई ऐसे नाम हैं, जिनका अच्‍छा-खासा क्रिमिनल रिकॉर्ड है। वहीं, मुलायम की बहू और प्रतीक यादव की पत्नी अपर्णा और विवादास्पद मंत्री गायत्री प्रजापति को लिस्ट में नहीं रखा।
mulayam singh notice
एक सर्वे के मुताबिक अंदाजा लगाया गया है कि बीजेपी को 403 सदस्यीय विधानसभा में 170 से 183 सीटों पर जीत मिल रही थी। इसी ओपिनियन पोल के मुताबिक मायावती की बहुजन समाज पार्टी 115-124 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर तो सपा 94 से 103 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रहने वाली थी। कांग्रेस को महज 8 से 12 सीटों पर ही जीत मिलती दिखाई दे रही है।

इस सर्वे के मुताबिक बीजेपी की इस बढ़त के पीछे उसे राज्य में अन्य पिछड़ी जातियों का समर्थन है। क्योंकि राज्य की 44 फीसदी गैर यादव ओबीसी का कहना था कि वो कमल पर बटन दबाएंगे। उत्तर प्रदेश में अगड़ी जातियां (सवर्ण) भी बीजेपी के साथ खड़ी दिखाई दीं क्योंकि इनमें से 61 फीसदी ने अपनी पहली पसंद कमल को बताया था।