नई दिल्ली: पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं है। रविवार को जेटली को एक्स्ट्रा कारपोरल मेंब्रेन ऑक्सीजेनेशन (ECMO) और इंट्रा-अरॉटिक बलून पंप (IABP) सपोर्ट पर रखा गया है। इस पर उन्हीं मरीजों को रखा जाता है, जिनका फेफड़ा और दिल काम करने की हालत में नहीं होता।
बता दें, 66 वर्षीय अरुण जेटली 9 अगस्त से एम्स में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। 10 अगस्त के बाद एम्स ने जेटली का मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया है। डॉक्टरों की पूरी एक टीम जेटली की हालत पर नजर रखे हुए है।
इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एम्स जाकर अरुण जेटली के स्वास्थ्य का हाल-चाल जाना। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, बीजेपी सांसद स्वप्नदास गुप्ता और राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह भी अरुण जेटली को देखने पहुंचे। कई अन्य पार्टियों के नेता भी जेटली का हाल-चाल ले चुके हैं।
मई 2018 में अरूण जेटली (Arun Jaitley) का किडनी प्रत्यारोपण हुआ था। इसके बाद जेटली के बाएं पैर में सॉफ्ट टिशू कैंसर हो गया, जिसकी सर्जरी के लिए वह इस साल की शुरुआत में अमेरिका भी गए थे। तबीयत खराब होने के कारण ही उन्होंने 2019 का आम चुनाव नहीं लड़ा था और मंत्रिमंडल में शामिल होने से भी इनकार कर दिया था।
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