मुम्बई: विप्रो (Wipro) के चेयरमैन रिशद प्रेमजी (Rishad Premji) अपने एक ट्वीट से सुर्खियों में आ गए हैं। उनके इस ट्वीट पर लोगों की प्रतिक्रिया भी आई जिसमें साफतौर से असहमति जताई गई है। दरअसल रिशद प्रेमजी ने (Rishad Premji) ने टेक इंडस्ट्री में ‘मूनलाइटनिंग’ (Moonlighting) यानी वर्क फ्रॉम होम के दौरान कंपनी के काम के अलावा दूसरे काम करने को धोखेबाजी बताया है। इसको लेकर उन्होंने ट्वीट भी किया है।
उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, टेक इंडस्ट्री में लोगों के अपनी कंपनी के काम के अलावा दूसरे काम भी करने को लेकर काफी चर्चा है। साफ है कि यह धोखेबाजी है।
रिशद प्रेमजी के इस बयान के बाद सोशल मीडिया में लोगों की प्रतिक्रिया आ रही है। इसी बीच स्विगी के एचआर हेड गिरीश मेनन प्रेमजी की राय से असहमति जताते नजर आए। उन्होंने बताया, ‘यह काम के क्षेत्र में भविष्य है। हम यही करने की कोशिश कर रहे हैं।’
मेनन ने बताया कि यह नीति समावेशी है, न कि क्रूर। इसमें साफ तौर पर कर्मचारी के हितों के टकराव के बारे में बताया गया है। मूल रूप से अमेरिकी कंपनी ‘इंडीड इंडिया’ के प्रमुख शशि कुमार भी मेनन की बातों से सहमत नजर आते हैं। उन्होंने बताया, ‘यह नया नहीं है। यह पहले भी था और कई देशों में चल रहा है।’
There is a lot of chatter about people moonlighting in the tech industry. This is cheating – plain and simple.
— Rishad Premji (@RishadPremji) August 20, 2022
विप्रो ने रोका कर्मचारियों का वैरिएबल पे
आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी को संभालने वाले रिशद प्रेमजी का यह बयान ऐसे समय में आया है, जब पिछले दिनों मार्जिन पर बढ़ते दबाव के चलते कंपनी ने कर्मचारियों के वैरिएबल पे का भुगतान रोकने का फैसला किया। कंपनी के अधिकारी (सी-सूट) स्तर के प्रबंधकों को वैरिएबल पे का कोई हिस्सा नहीं मिलेगा, जबकि नए कर्मचारियों से लेकर टीम प्रमुख को कुल वैरिएबल पे का 70 प्रतिशत मिलेगा।
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क्या है मूनलाइटनिंग पॉलिसी-
आपको बता दें, इस पॉलिसी को कंपनियों के द्वारा बनाया जाता है जो अपने कर्मचारियों को अन्य काम करने की छूट देती है। जैसे स्विगी ने अपनी पॉलिसी में कहा है। मूनलाइटिंग पॉलिसी’ के तहत कर्मचारियों को एक और नौकरी करने की इजाजत होती है। वे दूसरी नौकरी कुछ नियम एवं शर्तों के साथ अपने प्राथमिक कार्य के कामकाजी घंटों के अतिरिक्त कर सकते हैं। कंपनी ने इस कदम के पीछे वजह बताई कि देशभर में लॉकडाउन लगने के दौरान अनेक कामकाजी लोगों के नए शौक विकसित हुए, कई ने ऐसी गतिविधियां शुरू कीं जो आय का अतिरिक्त स्रोत उन्हें देती हैं। बयान में कहा गया, ‘‘यह किसी गैर सरकारी संगठन के साथ स्वैच्छिक रूप से काम करना, नृत्य प्रशिक्षक, सोशल मीडिया पर सामग्री प्रदान करना जैसे कार्य हो सकते हैं।
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स्विगी ने दी कर्मचारियों को मूनलाइटनिंग की सुविधा
हाल में फूड डिलिवरी कंपनी स्विगी ने ‘मूनलाइटनिंग’ नीति को शुरू किया है। इसके तहत कर्मचारी कंपनी की मंजूरी के बाद दूसरे काम भी कर सकते हैं। कंपनी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘इसमें ऐसी कार्य हो सकते हैं जो कार्यालय के बाद या हफ्ते की छुट्टी के दौरान हो जिससे उनके काम पर असर नहीं पड़े और न ही स्विगी के व्यवसाय को लेकर हितों का टकराव हो।
वहीं हाल ही में आईटी और आईटीईएस क्षेत्र में 400 लोगों के कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के सर्वेक्षण से पता चला है कि 65 प्रतिशत लोगों को घर से काम करते हुए अंशकालिक अवसरों या मूनलाइटनिंग करने वाले लोगों के बारे में पता था।
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