मोदी सरनेम केस में बड़ा फैसला, राहुल गांधी अब संसद सत्र में हिस्सा ले सकेंगे, जानें कोर्ट में क्या हुआ?

किसी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व न होना क्या सजा पर रोक का कोई आधार नहीं है? कोर्ट ने कहा कि ये सजा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र को प्रभावित कर रही है।

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Modi Surname Case मोदी सरनेम केस में बड़ा फैसला आया है। राहुल गांधी की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। शुक्रवार, 4 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली सजा के निलंबन की याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने राहुल गांधी के विरोध में दलीलें दे रहे शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी से पूछा कि अदालत ने अधिकतम सजा देने के क्या ग्राउंड दिए हैं।

कम सजा भी तो दी जा सकती थी. उससे संसदीय क्षेत्र की जनता का अधिकार भी बरकरार रहता। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को सुनाई सजा के फैसले पर रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि जब तक अपील लंबित रहेगी, तब तक सजा पर रोक बरकरार रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी अब संसद सत्र में हिस्सा ले सकेंगे।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा सवाल
किसी संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व न होना क्या सजा पर रोक का कोई आधार नहीं है? कोर्ट ने कहा कि ये सजा सिर्फ एक व्यक्ति को नहीं बल्कि पूरे संसदीय क्षेत्र को प्रभावित कर रही है। अगर कोई संसदीय क्षेत्र किसी सांसद को चुनता है तो क्या वो क्षेत्र बिना उसके सांसद को उपस्थिति का रहना ठीक है ?

जब इस तरह के मामले में अधिकतम सजा दो साल दी गई है? जस्टिस गवई ने कहा कि क्या यह एक प्रासंगिक कारक नहीं है कि जो निर्वाचन क्षेत्र किसी व्यक्ति को चुनता है वह  गैर-प्रतिनिधित्व वाला हो जाएगा? ट्रायल जज ने अधिकतम 2 साल की सजा दी है। जब आप अधिकतम सज़ा देते हैं तो आप कुछ तर्क देते हैं कि अधिकतम सज़ा क्यों दी जानी चाहिए. ट्रायल कोर्ट द्वारा कोई फुसफुसाहट नहीं।

कोर्ट ने कहा कि आप न केवल एक व्यक्ति के अधिकार का बल्कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र के अधिकार को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल वह सांसद हैं, यह सजा निलंबित करने का आधार नहीं हो सकता, लेकिन क्या उन्होंने दूसरे हिस्से को भी छुआ है? जज ने आगे कहा कि हाईकोर्ट के फैसले को पढ़ना बहुत दिलचस्प है. इस फैसले में बताया गया है कि एक सांसद को कैसे बर्ताव करना चाहिए।

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