बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक (satyapal malik) ने अपने रिटायरमेंट के बाद एक अंग्रेजी वेबसाइट द वायर को दिए इंटरव्यू में ऐसे-ऐसे दावे किए हैं जिससे बड़ा राजनीतिक बवंडर खड़ा हो सकता है। इंटरव्यू में मलिक ने यह सनसनीखेज दावा किया कि फरवरी 2019 में पुलवामा में जो आतंकी हमला हुआ था, उसमें केंद्रीय गृह मंत्रालय की बहुत बड़ी गलती थी।
सत्यपाल मलिक इस हमले के दौरान जम्मू-कश्मीर के ही राज्यपाल थे। इस घटना में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पूर्व राज्यपाल का आरोप है कि पुलवामा हमला खासकर सीआरपीएफ और गृह मंत्रालय की अक्षमता और लापरवाही का नतीजा था। ध्यान रहे कि पुलवामा हमले के वक्त राजनाथ सिंह केंद्र सरकार के गृह मंत्री थे। मलिक ने दावा किया कि सीआरपीएफ ने अपने जवानों के लिए विमान मांगा था, लेकिन गृह मंत्रालय ने देने से इनकार कर दिया। उसके बाद सीआरपीएफ ने जिस जिस सड़क से जवानों को भेजा, पहले वहां की अच्छे से पड़ताल नहीं की।
जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक का दावा है कि पुलवामा हमले के तुरंत बाद प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे फोन पर बात की थी और इस मामले पर किसी से ज्यादा नहीं बोलने की हिदायत दी थी। द वायर को दिए इंटरव्यू में मलिक ने यह भी कहा कि उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने भी उनसे पुलवामा हमले पर चुपचाप रहने को कहा था।
पुलवामा हमला सरकारी चूक, ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ा ,प्रधानमंत्री ने कहा– “चुप रहो”, सत्यपाल मलिक का सनसनीखेज खुलासा #PulwamaAttack #सत्यपालमलिक pic.twitter.com/mAuI7CAsg0
— Panchdoot (@Panchdoot1) April 14, 2023
मलिक का आरोप है कि इसका मकसद चुनावों में सरकार और बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए पुलवामा हमले का सारा ठीकरा पाकिस्तान पर फोड़ना था, मुझे बाद में यह अहसास हुआ। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से 300 किलो आरडीएक्स लेकर गाड़ी जम्मू-कश्मीर के गांवों में 10-15 दिन घूमती रही और किसी को पता ही नहीं चला। यह खुफिया विभाग की बड़ी नाकामयाबी है।
प्रधानमंत्री कश्मीर के बारें में कुछ नहीं जानते-
मलिक का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी को भ्रष्टाचार से कोई खास नफरत नहीं है। इतना ही नहीं, मलिक का दावा है कि पीएम मोदी को कश्मीर के बारे में कुछ भी नहीं पता है। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री कश्मीर को लेकर गफलत में हैं और उन्हें कश्मीर के बारे में कोई ज्ञान नहीं है।’
मलिक ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से राज्य का दर्जा छीनकर उसे केंद्रशासित प्रदेश बना देना गलत है और उसे तुरंत राज्य का दर्जा लौटाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘पीएम मस्त हैं, बाकी भाड़ में जाए।’ उन्होंने दावा किया कि अगस्त 2020 में उन्हें गोवा से हटाकर मेघालय भेजा ही इसीलिए गया था क्योंकि उन्होंने पीएम मोदी को भ्रष्टाचार के कई मामलों को प्रदेश सरकार की तरफ से नजरअंदाज किए जाने की बातें बताई थीं।
मलिक का दावा है कि पीएम के ईर्द-गिर्द के लोग ही भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और वो अक्सर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम लेकर करप्शन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं सेफली (बिल्कुल बचते हुए) कह रहा हूं कि प्राइम मिनिस्टर को करप्शन से बहुत नफरत नहीं है।’
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