सोशल मीडिया से: तेल की कीमत बढ़ने के विरोध में कांग्रेस ने 10 सितम्बर को सुबह 9 बजे से 3 बजे तक भारत बंद बुलाया। भारत बंद का असर कई राज्यों में हिंसा के तौर पर दिखा तो कई लोगों को सामान्य परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसी बीच सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म जैसे- फेसबुक और व्हाट्सऐप पर भारत बंद से जोड़कर कई वीडियो को वायरल किया गया। जैसा कि आप जानते हैं कि सोशल मीडिया पर आधे से ज्यादा खबरें फर्जी चलती है वैसी ही एक वीडियो हमारे हाथ लगी है और हो सकता है आपके व्हाट्सऐप पर भी आई हो। जानकर शायद हैरानी नहीं होगी फिर भी बता दें ये वीडियो गलत जानकारी के साथ सोशल मीडिया पर लगभग 50 हजार से ज्यादा बार शेयर हो चुकी है।
वीडियो की सच्चाई बताने से पहले बता दें कि कल 10 सितंबर को भारत बंद के दौरान बिहार में 2 साल की बच्ची की मौत हो गई। जिसपर राजनीति तेज हो गई। जैसा आप जानते हैं कि फेक न्यूज फलाने में हम भारतीय कितना आगे है वैसा ही कल इस घटना का पोस्टमार्टम सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने कर दिया जहां एक तरफ आरोप ये लग रही हैं भारत बंद पर एंबुलेंस मिली नहीं वहीं दूसरी तरफ ये कहा जा रहा समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाई। आइए आपको बताते हैं वायरल वीडियो की सच्चाई….
ये बिहार के सीतामढ़ी जिले की घटना है। यहां चैनपुर नाम का एक गांव है। यहां एक बच्ची की मौत 7 सितंबर को हो गई थी। इस बच्ची का नाम सिमरन बताया गया है और वीडियो बनाने वाला शख्स यानी पिता का नाम अमरेंद्र राम बताया जा रहा है। वायरल होते इस वीडियो में बच्ची के पिता पीएम मोदी सरकार पर अपना गुस्सा उतार रहे हैं। उनकी शिकायत है कि अगर समय पर उन्हें एंबुलेस मिल जाती तो उनकी बेटी आज जिंदा होती। इस वीडियो में पीछे से एक औरत की भी आवाज आ रही है, बाकि लोग शांति से पूरी घटना को देख रहे हैं। पिता ने इस वीडियो के माध्यम से देशभर के लोगों से गुहार लगाई है कि उसकी बात पूरे भारत तक पहुंचे। प्रधानमंत्री तक पहुंचे।
वही खबर ये भी है कि बच्ची के परिवार ने डॉक्टरों के खिलाफ कोई शिकायत लिखवाई है, वहीं पुलिस का कहना है कि उन्हें इस मामले में कोई सूचना नहीं मिली है। बता दें, परिवार ने जब अस्पताल से ऐम्बुलेंस मागी तो जवाब में कहा कि ड्राइवर नहीं है। ऐसे में पहले परिवार ने हंगामा किया फिर घरवाले टेम्पो करके सदर अस्पताल के लिए रवाना हुए। जो कि 30 किलोमीटर दूर था और आधे रास्ते में ही सिमरन मर गई।
The sufferers are poor Indians- who are dying due to lack of basic health care. And BJP & Modi are busy in Jumla Bazi, Hindu Muslim politics;
Jago Bharat Jago! #BharatBandh pic.twitter.com/BnretYMRtH
— Salman Nizami (@SalmanNizami_) September 10, 2018
वीडियो में क्या कहा….
मोदी जी, मेरी बात ध्यान से सुनिए। मैं सीतामढ़ी जिला से बोल रहा हूं। चैनपुर में मेरा बेटी को सांप काट लिया था। मेजरगंज में मैं लेकर गया हॉस्पिटल में। यहां मैं (बच्ची के शव को हिलाते हुए) सुरक्षित लेकर गया था। कोई शासन, कोई प्रशासन मेरे को गाड़ी नहीं दिया है। मैं उसको बोला ऐम्बुलेंस दो, सीतामढ़ी लेकर जाने के लिए। लेकिन कोई मुझको गाड़ी नहीं दिया है। देखो मेरा बेटी. बेटी बचाओ का ऐलान कर रहे हो आप। बेटी बचाओ नहीं, बेटी मराओ कर रहे हो आप। मेरा बेटी को मार दिए हो आप। देखो ये उंगली में सबूत, सांप काटा है। ( इशारा करते हुए) मैं यहां पर बांधकर हॉस्पिटल में पहुंचा हूं। और बोला हूं कि इसको बढ़िया से ट्रीटमेंट कीजिए। तब दू गो सुइया लगाया है। पता नहीं कौन सा सुइया लगाया है।
सीतामढ़ी लेकर जाने के लिए मेरे पास कोई साधन नहीं था। टेम्पु में लेकर गया हूं। मेरा बेटी आधा रास्ता में मर गया है। आपके पास ऐम्बुलेंस नहीं है? यही सरकारी हॉस्पिटल है? मेरे को किडनैप कर लीजिए। आइए अगर मैं गलती बोल रहा हूं तो। पूरा समाज, पूरा सबूत मेरे साथ है। देखिए (इशारा करते हुए) मैं लाश लिया हूं। बेटी को लाश लिया हूं। इतना पागल हूं, इतना पागल हूं कि मन तो करता है कि प्रशासन तक पहुंच जाऊं। अगर है किसी में दम तो शेयर कीजिए बात को आगे। बेटी बचाओ नहीं, बेटी मारो हो रहा है। इलाज नहीं हो रहा है। सत्यानाश हो रहा है। मेरा बेटी को सांप काट लिया, तो इलाज नहीं होगा? डेढ़ घंटा तक करीब मेरा बेटी जिंदा रही है। डेढ़ घंटा बोल रहा हूं, सॉरी। आधा घंटा, करीब चालीस मिनट तक मेरा बेटी जिंदा रही है। ऐम्बुलेंस नहीं मिला मेरे को (कैमरे से रिकॉर्डिंग करते हुए इंसान से बात करते हुए) अब इसको स्टॉप करो और शेयर करो।
क्या है वीडियो की सच्चाई-
वीडियो की पुष्ठि हो गई ये घटना सच है लेकिन सच ये नहीं है कि इस बच्ची की मौत कल यानी 10 सितंबर को भारत बंद के दौरान हुई। जिस तरह से इस वीडियो को भारत बंद से जोड़कर व्हाट्सऐप और फेसबुक पर शेयर किया जा रहा। एकबार फिर बता दें ये घटना 7 सितंबर की है। इस घटना में लापरवाही जरूर बरती गई है लेकिन किसी गलत अफवाह के तौर पर आपके पास ये वीडियो पहुंचे जोकि गलत है।
हमारा मकसद केवल आपको वायरल वीडियो की सच्चाई बताना है, ना कि किसी की पैरवी करना। जिस तरह से इस वीडियो को कई घटनाओं से जोड़कर आप तक पहुंचाया जा रहा और फिर दो बातें खुद से लिखकर इस वीडियो को आप शेयर कर रहे हैं वह गलत है। ऐसी घटनाएं ही अफवाह का कारण बनती है और नहीं पता कब बड़ा रूप ले ले।
क्या है भारत बंद के दौरान हुई मौत का सच-
कल 10 सितंबर को जिस बच्ची की मौत हुई है उसके पिता का एक बयान सामने आया जिसमें कहा है कि बच्ची पिछली रात से ही गंभीर हालत में थी। जब वो सुबह उसे घर से अस्पताल ला रहे थे तो रास्ते में उसकी मौत हो गई। भारत बंद से कोई सीधा लेना-देना नहीं है। इसके अलावा दोनों तस्वीरों में शख्स भी अलग है और बच्चियों की उम्र भी। सच्चाई आपके सामने है ऐसे में अगर आप अभी भी किसी दूसरी घटना का वीडियो शेयर करना चाहते हैं तो एकबार सोच लीजिए कि आप के ऐसे करने से कितनी चीजें खराब हो रही है।
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