कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और भाजपा के बीच विवाद लोकसभा चुनाव के बाद भी लगातार जारी है। पिछले दिनों ममता बनर्जी क सामने जय श्री राम के नारे लगाने से विवाद खड़ा हो गया था अब ममता दीदी ऑफिस के कब्जे को लेकर भड़क गई।
दरअसल, ममता ने 30 मई को अपने पार्टी कार्यालय पर कब्जे का आरोप लगाते हुए भाजपा के कमल निशान को मिटाकर अपनी तृणमूल पार्टी का चिह्न बनाया। वहीं, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने इस घटना पर कहा कि दीदी को गेट वेल सून (जल्दी ठीक हों) कार्ड भेजेंगे।
सोमवार को आसनसोल से भाजपा सांसद सुप्रियो ने कहा, ‘‘ममता एक अनुभवी नेता हैं, लेकिन कुछ समय से उनके बर्ताव में असामान्य और अजीब सा बदलाव आया है। उन्हें पद की गरिमा के अनुरूप दिमाग को स्थिर रखना चाहिए। उन्हें कुछ दिन आराम करना चाहिए। वे बंगाल में भाजपा की मौजूदगी से बौखला गईं हैं। हम आसनसोल लोकसभा क्षेत्र की ओर से दीदी को गेट वेल सून कार्ड भेजेंगे।’’ वहीं, भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा था कि ममता बनर्जी अपना मानसिक संतुलन खो बैठी हैं।
भाजपा का निशान मिटाने के बाद ममता ने कहा कि नैहाटी का यह दफ्तर तृणमूल का ही था। उन्होंने आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के बाद बैरकपुर से जीते भाजपा सांसद अर्जुन सिंह और उनके समर्थकों ने इस पर कब्जा कर लिया था। वहीं, नैहाटी आते समय ममता के काफिले के सामने भीड़ ने जय श्री राम के नारे भी लगाए थे। मुख्यमंत्री ने कार से उतरकर सभी को कार्रवाई की धमकी दी थी।
West Bengal CM @MamataOfficial recaptures TMC office from BJP. Watch this report. #ITVideohttps://t.co/NounxnP7mg pic.twitter.com/3DcFwGaQlx
— India Today (@IndiaToday) June 3, 2019
इस घटना से जुड़ा ममता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसके बाद ममता ने सफाई देते हुए कहा कि उनके बयान का गलत इस्तेमाल किया गया है।
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