ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड एसयूएम हॉस्पिटल के आईसीयू वार्ड में सोमवार शाम आग लगने से 24 लोगों की मौत हो चुकी है। वॉर्ड में आग शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी। आग के कारण 24 लोगों की मौत और 50 से अधिक गंभीर रूप से घायल हए हैं।
ज्यादातर मरीजों की मौत दम घुटने से हुई है। हालांकि कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया है। घटना के कुछ देर बाद लोगों ने राज्य के सीएम नवीन पटनायक के खिलाफ प्रदर्शन किया। हालांकि कुछ लोगों ने पीएम मोदी सरकार की तारीफ भी की।
घटना के तुरंत बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हरकत में
इस बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने ट्वीट कर कहा कि केंद्र इस मामले में ओडिशा को हर जरूरी मदद दे रहा है। नड्डा ने कहा कि वह पहले ही भुवनेश्वर स्थित एम्स के अधिकारियों से बात कर चुके हैं और उनसे मरीजों को हर जरूरी मदद करने को कहा है।
पीएम मोदी घायलों को एम्स में शिफ्ट करने के दिए आदेश
नड्डा ने पूरी घटना के बारे में पीएम मोदी को जानकारी दी। पीएम मोदी ने सभी घायलों को तुरंत दिल्ली के एम्स में लाने के लिए कहा है। साथ ही पीएम ने ट्वीट कर घटना पर गहरा दुख जताया है। मोदी ने ट्वीट किया, ‘ओडिशा के अस्पताल में लगी आग में लोगों की जान जाने से काफी दुखी हूं। यह त्रासदी दिमाग को झकझोर देने वाली है। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवारों के साथ हैं।’ उन्होंने कहा, ‘स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है और उन्हें घायलों को एम्स में भर्ती कराने की व्यवस्था करने को कहा है। उम्मीद है कि घायल लोग जल्द स्वस्थ होंगे।’
25 मरीज को किया एम्स में भर्ती
25 मरीज भुवनेश्वर एम्स में भर्ती कराए गए। वहीं कुछ एक को दूसरे अस्पतालों में भी भर्ती कराया गया। बता दें सम अस्पताल ओडिशा के बड़े प्राइवेट अस्पतालों में से एक है। आग लगने का कारणों में एक कारण अस्पताल की लापरवाही भी बताई जा रही है।
Deeply anguished by the loss of lives in the hospital fire in Odisha. The tragedy is mind-numbing. My thoughts are with bereaved families.
— Narendra Modi (@narendramodi) 17 October 2016
हेल्पलाइन नंबर
ओडिशा के स्वास्थ्य सचिव आरती आहूजा ने घटना की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। AMRI का नंबर है- 0674-6666600, कैपिटल हॉस्पिटल का नंबर- 9439991226 है।
बिल्डिंग में फंसे थे 500 से ज्यादा मरीज
पुलिस आयुक्त कार्यालय और दमकल कर्मियों ने स्वयंसेवकों एवं अस्पताल कर्मियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया, क्योंकि 500 से ज्यादा मरीज इमारत में फंसे हुए थे। आग पर काबू पाने के लिए कम से कम सात अग्निशमन वाहनों को लगाया गया और नाजुक हालत वाले मरीजों को अन्य अस्पतालों में भेजने के लिए एक दर्जन से ज्यादा एंबुलेंस लगाई गईं।
5 साल पहले कोलकाता के अस्पताल में आग से 89 की मौत हुई थी
साल 2011 में कोलकाता के एएमआरआई अस्पताल में भीषण आग लगी थी जिसकी चपेट में आने से 89 लोग मारे गए थे जिनमें 85 मरीज थे।