महुआ मोइत्रा की पैसे लेकर सवाल पूछने वाले मामले में हुई लोकसभा सदस्यता खत्म, देखें VIDEO

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे।

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कैश-फॉर-क्वेरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव पेश हुआ। इसके बाद वोटिंग हुई। हालांकि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया। लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ ने कहा कि लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया।

लोकसभा में शुक्रवार (8 दिसंबर) को सदन सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू हुई और एथिक्स कमेटी की 500 पेज की रिपोर्ट पेश की गई। 12 बजे एथिक्स कमेटी चेयरमैन विजय सोनकर ने रिपोर्ट पेश की। जिसमें महुआ की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश और कानूनी जांच की मांग की गई थी।

हालांकि TMC ने मांग की थी कि 500 पेज की रिपोर्ट पढ़ने के लिए 48 घंटों का समय दिया जाए। चार मिनट बाद ही 12 बजे तक के लिए स्थगित हो गया। लोकसभा में इस पर सदन में 3 बार हंगामा हुआ। दो बार कार्यवाही स्थगित हुई। दोपहर 2 बजे से तीसरी बार कार्यवाही शुरू होने पर महुआ के निष्कासन पर वोटिंग हुई।

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मां दुर्गा आ गई हैं, अब देखिए क्या होता है- महुआ
लोकसभा में रिपोर्ट पेश होने के दौरान महुआ भी सदन में मौजूद थीं। संसद पहुंचने पर महुआ ने मीडिया से बातचीत में कहा- मां दुर्गा आ गई हैं, अब देखिए क्या होता है। जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। उन्होंने ‘वस्त्रहरण’ से शुरुआत की अब आप ‘महाभारत का रण’ देखेंगे।

इस पर BJP सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा था- महुआ ने खुद को द्रौपदी बोला है और महाभारत शुरू होने की बात कही। लेकिन समस्या ये है, इस महाभारत में श्रीकृष्ण तो इस तरफ हैं। जहां तक मुझे पता है महाभारत द्रौपदी के लिए हुआ था, सूर्पनखा के लिए नहीं। सदन में निष्कासन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान भी इस चीरहरण और सूर्पणखा वाले बयान पर जमकर हंगामा हुआ था।

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बता दें, वोटिंग के बाद लोकसभा स्पीकर ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ निष्कासन प्रस्ताव पास कर दिया। इसके बाद लोकसभा को 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

क्या है पूरा मामला?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने महुआ पर आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले को स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया है। महुआ पर लगे आरोपों में बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का नाम सामने आया था। जिसमें कहा गया था कि दर्शन हीरानंदानी से पैसे लेकर महुआ ने अडानी पर संसद में सवाल पूछें।

मामले ने तूल पहले ही पकड़ लिया था लेकिन जब से बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी का एक बयान ट्विटर पर वायरल हुआ तब से कहानी पूरी तरह बदल गई। दर्शन हीरानंदानी ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। हीरानंदानी ने 19 अक्टूबर को एक चिट्ठी लिखी है, इसमें बताया कि उनके पास महुआ का लोकसभा का लॉगिन आईडी और पासवर्ड था। इससे वे खुद ही महुआ की तरफ से सवाल डाल देते थे।

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हीरानंदानी का यह भी कहना है कि महुआ मोइत्रा ने संसद में गौतम अडाणी पर इसलिए आरोप लगाए, ताकि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि बिगाड़ सकें। हीरानंदानी ने दस्तखत के साथ एक हलफनामा जारी किया है। न्यूज एजेंसी PTI ने इसकी पड़ताल की है।

हीरानंदानी का दावा है कि महुआ उनसे लग्जरी आइटम्स की डिमांड किया करती थीं। हीरानंदानी के मुताबिक, मैंने दिल्ली के महुआ के बंगले के रेनोवेशन के लिए मदद की और छु्ट्टियों में उनकी यात्राओं में पैसे खर्च किए। इतना ही नहीं, देश-दुनिया के हिस्सों में ट्रैवल के दौरान लॉजिस्टिकल मदद मुहैया कराई।

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कैसे पता चला महुआ मोइत्रा ने पैसे लिए
कोई भी व्यक्ति लोकसभा के किसी सांसद के खिलाफ अन्य दूसरे सांसद के माध्यम से कदाचार के मामले की शिकायत कर सकता है। जैसा कि महुआ मोइत्रा के मामले में हुआ है। एडवोकेट जय अनंत देहाद्राई ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के माध्यम से शिकायत की है। इसके लिए लोकसभा स्पीकर को एक हलफनामा और तमाम सबूत देने होते हैं, जिसमें ये दावा किया गया हो कि उस सांसद ने आचरण के विरुद्ध काम किया है।


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