महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, गाय को दिया राज्यमाता का दर्जा

गोशालाओं में स्वदेशी गायों के पालन-पोषण के 50 रुपए प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने जा रहे हैं। गोशालाएं अपनी कम आय के चलते यह खर्च नहीं उठा सकती थीं, इसलिए यह फैसला लिया गया है।

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महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार ने देसी गाय को राज्यमाता (Cow Rajmata) का दर्जा दिया है। ऐसा करने वाला महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है। सोमवार को कैबिनेट बैठक में सरकार ने ये फैसला लिया। शिंदे ने कहा कि स्वदेशी गायें हमारे किसानों के लिए वरदान हैं। इसलिए हमने इन्हें ‘राज्य माता’ का दर्जा देने का फैसला लिया है।

इसके साथ ही हम गोशालाओं में स्वदेशी गायों के पालन-पोषण के 50 रुपए प्रतिदिन की सब्सिडी योजना लागू करने जा रहे हैं। गोशालाएं अपनी कम आय के चलते यह खर्च नहीं उठा सकती थीं, इसलिए यह फैसला लिया गया है।

सरकार की तरफ से जारी नोटिफिकेशन में कहा कि वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देसी गाय के महत्व, मानव आहार में देसी गाय के दूध की उपयोगिता, आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति और जैविक कृषि प्रणालियों में देसी गाय के गोबर और गोमूत्र के अहम स्थान को देखते हुए देसी गाय को ‘राज्यमाता गोमाता’ घोषित करने की मंजूरी दी गई है।

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महाराट्र सरकार ने राज्यमाता का दर्जा देते हुए देशी गायों की घटती संख्या पर भी चिंता जाहिर की है। वैसे भी, भारत में गाय को माता का दर्जा दिया जाता है और हिंदू धर्म में इसकी पूजा की जाती है। इसके अलावा, इसके दूध, मूत्र और गोबर को पवित्र माना जाता है और इनका भरपूर इस्तेमाल किया जाता है। गाय का दूध मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जबकि गोमूत्र से कई बीमारियों के इलाज का दावा किया जाता है। इन सभी बातों पर गौर करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है।

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