प्रयागराज महाकुंभ (Mahakumbh Mela) मेले के दौरान 2 सिलेंडर ब्लास्ट की घटना की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) ने ली है। संगठन ने इसे लेकर कुछ मीडिया संस्थानों को ई-मेल भेजी है, जिसमें कहा गया है कि यह पीलीभीत फेक एनकाउंटर का बदला है। इस ई-मेल की सत्यता की पुष्टि मीडिया संस्थानों द्वारा नहीं की गई है।
आतंकी संगठन की ओर से कनाडा और पंजाब के पत्रकारों को भेजे गए ई-मेल में कहा- ‘खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स कुंभ मेले के दौरान हुए दोहरे विस्फोट की जिम्मेदारी लेता है। इसका मुख्य उद्देश्य किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था। यह सिर्फ जोगी (UP के CM योगी आदित्यनाथ) और उनके कुत्ते के लिए एक चेतावनी थी। खालसा पीलीभीत फर्जी मुठभेड़ में हमारे 3 भाइयों की हत्या का बदला लेने के लिए आपके बहुत करीब है। यह अभी शुरुआत है।’ ई-मेल में फतेह सिंह बागी का नाम लिखा है।
क्या था पीलीभीत एनकाउंटर
उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में बीते साल 23 दिसंबर को पुलिस ने 3 खालिस्तानी आतंकियों को एनकाउंटर में मार गिराया गया था। पीलीभीत पुलिस और पंजाब पुलिस ने ये जॉइंट ऑपरेशन किया था। सभी आतंकी खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (KZF) के सदस्य थे।
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इन्होंने 19 दिसंबर को पंजाब के गुरदासपुर जिले में पुलिस चौकी पर ग्रेनेड से हमला किया था।आतंकियों के पास से 2 एके-47 राइफल, 2 ग्लॉक पिस्टल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए थे। मारे गए आतंकियों में गुरदासपुर निवासी गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह थे। जिनके परिवारों ने एनकाउंटर पर सवाल उठाए थे।
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बता दें कि रविवार शाम करीब चार बजे शास्त्री ब्रिज के पास सेक्टर-19 में गीता प्रेस के कैंप में 2 सिलेंडर ब्लास्ट से आग लग गई थी। इससे 180 कॉटेज जल गए थे। अफसरों के मुताबिक, गीता प्रेस की रसोई में छोटे सिलेंडर से चाय बनाते समय सिलेंडर लीक हो गया और आग लग गई। इसके बाद 2 सिलेंडर ब्लास्ट हो गए। इसमें कोई जानी नुकसान नहीं हुआ था। उस समय अधिकारियों ने इसे अग्निकांड बताया था।
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