महाकुंभ का आज 16वां दिन है। बुधवार को महाकुंभ मेले का सबसे अहम स्नान पर्व हैं। मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में 10 करोड़ से अधिक लोगों के डुबकी लगाने की उम्मीद लगाई जा रही है। दोपहर 12 बजे तक 1.88 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया। 13 जनवरी से अब तक करीब 16.64 करोड़ श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
महाकुंभ में सोमवार को बहुत ज्यादा भीड़ रही। इसलिए पांटून पुल नंबर- 15 बंद कर दिया गया। मौनी अमावस्या से ठीक पहले प्रशासन ने पांटून पुल पर ट्रायल शुरू किया है। पांटून पुल 13, 14, 17, 18, 19, 20, 21, 22 श्रद्धालुओं के आने-जाने के लिए खोल दिया गया है। संगम तट से स्नान करके अखाड़े की तरफ जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक नंबर का पांटून पुल भी खोला गया। इससे कि आने और जाने वालों की भीड़ ना हो सके। अनाउंस कर प्रशासन ने इसकी जानकारी दी है।
मौनी अमावस्या से पहले प्रयागराज शहर की आज स्थिति ऐसी है कि सड़कें-गलियां सब भर गई हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि पार्किंग या स्टेशन से संगम पैदल आना पड़ रहा है। जगह-जगह बैरिकेडिंग कर पुलिस रोक दे रही है। इधर-उधर 20 किमी पैदल चलना पड़ रहा है। कई जगह भीड़ ने बैरिकेडिंग तोड़ दी। संगम से 15 किमी तक का एरिया जाम है।
श्रद्धालुओं के लिए रुट्स के लिए मेले में लगातार अनाउंसमेंट जारी
मेले में लगातार अनाउंसमेंट हो रहा कि जो लोग वाराणसी और जौनपुर की तरफ से आ रहे हैं, वह झूंसी के एरावत घाट पर स्नान करें। श्रद्धालुओं को संगम जाने से रोका जा रहा है। मिर्जापुर, चित्रकूट और रीवा की तरफ से आने वाले श्रद्धालु अरैल की तरफ स्नान करके वापस चले जाएं। अयोध्या और लखनऊ की तरफ से आने वाले लोगों को रसूलाबाद, फाफामऊ की तरफ ही रोककर स्नान करने की अपील की जा रही है।
संगम के आधे हिस्से को सील कर दिया गया है। जो पांटून पुल कल बंद किए गए थे, वह आज भी बंद हैं। कल अखाड़ों के स्नान पर खोले जाएंगे। संगम की तरफ से अखाड़ों की तरफ जाने के लिए सिर्फ एक पांटून पुल 13 नंबर वाला खोला गया है। बाहर से संगम आने के लिए लोग 15 नंबर पुल का सहारा ले रहे हैं। गाड़ियां पीपा पुल पर नहीं जाने दी जा रही हैं। पुल की सुरक्षा में CRPF को लगाया गया है।
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महाकुंभ में एआई कैमरों से नजर रख रही है पुलिस
मेला क्षेत्र में आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस (AI) कैमरों से कड़ी निगरानी रखी जा रही है। DM ने प्रयागराज के लोगों से अपील की है कि मेला क्षेत्र में आप लोग कार से न आएं। समर्थ हैं तो पैदल आएं, नहीं तो बाइक से आएं। इससे देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं को जाम से नहीं जूझना पड़ेगा।
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एसएसपी महाकुंभ के अनुसार मौनी अमावस्या पर जल, थल और नभ से निगरानी होगी। संगम क्षेत्र को नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। कोई ड्रोन उड़ाने की अनुमति नहीं है। एक लाख पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्सेज के जवान तैनात रहेंगे। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड के जवान तैनात रहेंगे। मेला क्षेत्र में 2750 AI बेस्ड सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। 100 वीएमडी स्क्रीन लगाए गए हैं।
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महाकुंभ एरिया नो व्हीकल जोन घोषित
महाकुंभ में 26 जनवरी से ही नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। 5 फरवरी तक वाहनों के पास निरस्त कर दिए गए हैं. एंबुलेंस के अलावा किसी भी प्रकार के वाहनों का प्रवेश नहीं हो सकता है। प्रयागराज आने वाले लोगों के लिए 7 प्रमुख रूट पर निर्धारित पार्किंग स्थल पर ही वाहन पार्क किए जा सकेंगे। एसएसपी महाकुंभ ने विज्ञप्ति जारी किया, जिसमें पूरा रूट और ट्रैफिक प्लान समझाया है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या पर दूसरा अमृत स्नान है, और 3 फरवरी को बसंत पंचमी पर तीसरा अमृत स्नान है। इन दिन भीड़ को देखते हुए रूट डायवर्जन और पार्किंग प्लान लागू कर दिया गया है।
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महाकुंभ एरिया में कितना पैदल चलना होगा
- जौनपुर से आने वाले श्रद्धालुओं को 10 किलोमीटर पैदल चलना होगा।
- फाफामऊ से आने वालों को 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा।
- वाराणसी की तरफ से आने वालों को 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलना होगा।
- मिर्जापुर की तरफ से आने वाले भक्तों को 10 से 15 किलोमीटर पैदल चलना होगा।
- रीवा-बांदा और चित्रकूट से आने वाले श्रद्धालुओं को 5 से 10 किलोमीटर पैदल चलना पड़ सकता है।
- कानपुर-कौशाम्बी की तरफ से आने वालों को 5-15 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ेगा।
- लखनऊ-प्रतापगढ़ की तरफ से आने वालों को 10-15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा।
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