मध्यप्रदेश: फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ का सरेंडर, BJP पर लगे ये आरोप

0
452

भोपाल: 15 महीनों तक मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहने के बाद कमलनाथ ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा, जनता ने पांच साल का मौका दिया था ताकि प्रदेश को सही रास्ते पर लाया जा सके।

मध्य प्रदेश की तुलना बड़े राज्यों में हो। 15 साल बीजेपी को मिले और मुझे 15 महीने मिले। इन 15 महीनों में प्रदेश की जनता गवाह किया है मेरे द्वारा किए गए काम बीजेपी को रास नहीं आए। आप जानते हैं कि जब सरकार बनी तो पहले ही दिन से साजिश शुरू कर दी। आज हमारे 22 विधायकों को कर्नाटक में बंधक बनाने का काम किया गया। करोड़ो रुपये खर्च कर खेल खेला गया।

प्रदेश के साथ धोखा करने वाले लोभियों और बागियों को जनता माफ नहीं करेगी.  कई बार हमने विधानसभा में बहुमत साबित किया है। सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘मेरे साथ विश्वासघात किया गया है मध्य प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया गया है’। 15 महीनों में हमने किसानों का कर्जा माफ किया. बीजेपी ने हमारी सरकार के साथ साजिश करके किसानों को धोखा दिया है।

बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने दो दिनों तक चली सुनवाई के बाद कमलनाथ सरकार को शुक्रवार को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट के आदेश दिए लेकिन कमलनाथ ने फ्लोर टेस्ट से पहले ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा था कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र फिर से बुलाया जाए और कमलनाथ सरकार शुक्रवार शाम 5 बजे बहुमत हासिल करे। हालांकि, रात एक बजे तक विधानसभा की कार्यसूची जारी नहीं हुई थी, नाटकीय घटनाक्रम में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव देर रात विधानसभा पहुंचे और अध्यक्ष की मेज पर अपनी चिठ्ठी और फैसले की प्रति रखकर आए।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें  फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।