शाजापुर: धीरे-धीरे कई फर्जीवाड़ों का पर्दाफाश होने के बाद पीएम आवास योजना में भी बड़ा घोटाला सामने आया है योजना के तहत ऐसे लोग सामने आ रहे हैं जिनके नाम से सरपंच सचिव व अधिकारियों ने मिलकर फर्जी तरीके से कागज में ही पक्का मकान बनवा दिया हितग्राहियों को मिलने वाली राशि सब्सिडी की राशि में डकार गए है।
यह मामला ग्राम पंचायत सरोदिया से सामने आया है। वहां गांव के रामचंद्र पिता उमराव सिंह धापू बाई पिता पर्वत सिंह और सोदर पिता कालू सिंह के नाम अधिकारियों ने कागज में पक्का मकान बनवा दिया है जबकि वास्तविकता इसकी बिल्कुल अलग है यह लोग अब भी अब अपने पुराने कच्चे मकान में रह रहे हैं।
रामचंद्र ने बताया कि मुझे तो पता ही अब चला है कि मेरे नाम से पीएम आवास मंजूर हुआ था गांव की धापू बाई व सोदरा को भी पता नहीं है कि उनके नाम से चेक कागजों में पक्का मकान बन गया है मकान बन गया है खास बात यह है कि तीन किस्तों में निर्माणाधीन मकान के साथ के साथ हितग्राही के फोटो ऑनलाइन अपडेट होने के बाद उन्हें की किस्त जारी करने वालों ने इसकी जांच नहीं की
अधूरी सूची के कारण बनी स्थिति
गांव के सरपंच प्रेम नारायण आर्य ने बताया कि पिछले साल वर्ष 2017 -18 में हमें हितग्राहियों की जो सूची मिली उस में चयनित हितग्राही के नाम था पहले अक्षर की स्पेलिंग लिखी थी हितग्राही का पूरा नाम पिता या पति का नाम है जाती कुछ भी दर्ज नहीं था सूची में सिर्फ वर्ग अंकित किया गया इस आधार पर हमने उक्त वर्ग के स्पेलिंग से मिलते हुए नाम के गरीब व्यक्ति को चयनित कर उसे हितग्राही ही मान लिया संबंधित का मकान भी बना दिया बाद में पूरे नाम की सूची जारी हुई इसके बाद कुछ नाम ऐसे सामने आए जिन तीन लोगों के नाम गलत निकले उनसे हमने सब्सिडी के रुपए भी वापस जमा करा दिए है ऐसा मामला अभी जानकारी के बाहर है।
ऐसा मामला अभी जानकारी में नहीं आया
एच एल वर्मा एडिशनल सीओ का कहना है कि ऐसा मामला अभी मेरी जानकारी में नहीं आया है मोहन बड़ोदिया जनपद से जानकारी मंगवाएंगे यदि सब्सिडी जारी होने के बाद भी ग्रामीणों के मकान नहीं बनाए गए तो सरपंच सचिव से लेकर जनपद स्तर तक के कर्मचारियों की गलती है तो कार्यवाही की जाएगी।
रिपोर्टर: सिद्धनाथ जादव