रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट चांद पर क्रैश हुआ, दुनिया की निगाहें अब चद्रंयान-3

रूस ने 47 साल बाद चांद पर अपना मिशन भेजा है। इससे पहले उसने 1976 में लूना-24 मिशन भेजा था। लूना-24 चांद की करीब 170 ग्राम धूल लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचा था।

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रूस का लूना-25 स्पेसक्राफ्ट क्रैश हो गया है। स्पेस एजेंसी रॉस्कॉस्मॉस ने रविवार को इसकी जानकारी दी। स्पेस एंजेसी ने बताया कि शनिवार शाम 05:27 बजे उसका स्पेसक्राफ्ट से संपर्क टूट गया था। प्री-लैंडिंग ऑर्बिट बदलने के दौरान इसमें तकनीकी खराबी आई थी।

लूना को 21 अगस्त को चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंड करना था। लूना-25 के प्री-लैंडिंग ऑर्बिट बदलने के दौरान इमरजेंसी की स्थिति बनी। स्पेसक्राफ्ट ठीक ढंग से ऑर्बिट चेंज नहीं कर पाया। रूसी स्पेस एजेंसी की कमांड और कंट्रोल टीम स्थिति का एनालिसिस कर रही है।

रूसी स्पेस एजेंसी रॉस्कॉस्मॉस बताया कि लूना-25 के फ्लाइट प्रोग्राम के अनुसार स्पेसक्राफ्ट को प्री-लैंडिंग कक्षा (18 Km x 100 Km) में प्रवेश कराने के लिए कमांड दिया गया था। ये कमांड भारतीय समयानुसार शनिवार दोपहर 04:30 बजे दिया गया था। इस दौरान लूना पर इमरजेंसी कंडीशन बन गई क्योंकि स्पेसक्राफ्ट तय पैरामीटर के अनुसार थ्रस्टर फायर नहीं कर पाया।

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11 अगस्त को लॉन्च किया गया था लूना-25
लूना-25 स्पेसक्राफ्ट को 11 अगस्त को सोयूज 2.1बी रॉकेट के जरिए वोस्तोनी कॉस्मोड्रोम से लॉन्च किया गया था। लूना-25 को उसी दिन अर्थ की ऑर्बिट से चांद की तरफ भेज दिया गया था। स्पेसक्राफ्ट 16 अगस्त को दोपहर 2:27 बजे चांद की 100 किलोमीटर की ऑर्बिट में पहुंच गया था।

बता दें, रूस ने 47 साल बाद चांद पर अपना मिशन भेजा है। इससे पहले उसने 1976 में लूना-24 मिशन भेजा था। लूना-24 चांद की करीब 170 ग्राम धूल लेकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस पहुंचा था। अभी तक जितने भी मून मिशन हुए हैं वो चांद के इक्वेटर पर पहुंचे हैं, यह पहली बार होगा कि कोई मिशन चांद के साउथ पोल पर लैंडिंग करेगा।

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