कोटा (Kota) में स्टूडेंट्स के सुसाइड का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा बीते रविवार को दो स्टूडेंट्स ने टेस्ट सीरीज में कम नंबर आने से तंग आकर सुसाइड कर लिया। लातूर (महाराष्ट्र) के रहने वाले आविष्कार संभाजी कासले ने अपने कोटा में कोचिंग इंस्टीट्यूट की छठी मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया। स्टूडेंट कोटा के तलवंडी इलाके में 3 साल से रह कर NEET की तैयारी कर रहा था।
वहीं इसके बाद रात 7 बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क एरिया में रहने वाले कोचिंग छात्र आदर्श अपने कमरे में फंदे से लटका मिला। आदर्श बिहार के रोहिताश्व जिले का रहने वाला था। स्टूडेंट नीट की तैयारी के लिए 4 महीने पहले ही कोटा आया था। इनके सुसाइड करने के बाद इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या 23 हो गई है। जब प्रशासन ने साल 2015 से यहां होने वाले सुसाइड का डेटा इकट्ठा किया तो पाया कि ये संख्या अभी तक सबसे ज्यादा है।
कोचिंग में टेस्ट लेने पर रोक लगाने का निर्देश
कोचिंग स्टूडेंट्स सुसाइड्स को लेकर कोटा शहर पुलिस ने नई पहल शुरू की है। कोटा में कोचिंग स्टूडेंट्स के लिए अलग से पुलिस थाना खुलेगा। कोटा शहर पुलिस ने मुख्यालय पर प्रस्ताव भिजवाने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके साथ ही कोटा जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट ने बच्चों की सुसाइड को देखते हुए तत्काल एक एडवाइजरी जारी की। जिसमें सभी कोचिंग संस्था को अगले दो महीने तक कोचिंग में टेस्ट लेने पर रोक लगाने का निर्देश जारी किया।
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पंचदूत का मैसेज अभिभावकों के लिए
पंचदूत अपने पाठकों से निवेदन करता है कि बच्चों पर दबाव बनाना बंद कीजिए। उन्हें जो करना उन्हें वहीं करने दीजिए। गलती आत्महत्या पर विवश हो रहे बच्चों की नहीं, आपकी है… जो अपने अधूरे सपनों का बोझ बच्चों पर डाले हैं इस परम्परा, इस सोच पर जब तक विराम नहीं लगेगा,तब तक आत्महत्या होती रहेंगे। बच्चों को अपने करियर का, खुशियों का चुनाव खुद करने दें। आप उनका साथ दीजिए। न कि उन्हें भावानात्मक ब्लैकमेल।
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