दुनिया में सबसे गहराई में बना कोलकाता का ये मेट्रो स्टेशन, VIDEO में देखें इसकी खासियत

दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन है। अभी पानी के नीचे मेट्रो रूट लंदन और पेरिस में ही बना है। हावड़ा स्टेशन से महाकरण स्टेशन तक 520 मीटर लंबी टनल बनाई गई है, जिसमें दो ट्रैक बिछाए गए हैं।

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Kolkata underwater Metro: प्रधानमंत्री मोदी आज पश्चिम बंगाल में 15,400 करोड़ रुपए के कई प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन है। इसके बाद वे उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। इसके अलावा मोदी रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान भी जाएंगे।

1984 में देश की पहली मेट्रो ट्रेन कोलकाता उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (ब्लू लाइन) में दौड़ी थी। 40 साल बाद एक बार फिर यहीं से देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो रेल चलेगी। यह मेट्रो जमीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे चलेगी।

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चलिए जानते हैं देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो के बारें में सबकुछ…
– कोलकाता की अंडरवाटर मेट्रो का निर्माण हुगली नदी के नीचे कराया गया है।  यह मेट्रो जमीन से 33 मीटर नीचे और हुगली नदी के तल से 13 मीटर नीचे चलेगी।

– दुनिया में सबसे गहराई में बना मेट्रो स्टेशन है। अभी पानी के नीचे मेट्रो रूट लंदन और पेरिस में ही बना है। हावड़ा स्टेशन से महाकरण स्टेशन तक 520 मीटर लंबी टनल बनाई गई है, जिसमें दो ट्रैक बिछाए गए हैं।

– मेट्रो ट्रेन इस टनल को 80 किमी/घंटे की रफ्तार से सिर्फ 45 सेकेंड में पार कर लेगी। इससे हावड़ा और कोलकाता की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। रोज 7 से 10 लाख लोगों का सफर आसान होगा।

-इसका उद्देश्य ऐतिहासिक शहर कोलकाता में यातायात की भीड़ को कम करना है। इस शहर का इतिहास 300 साल पुराना है और यहां वाहन प्रदूषण सबसे बड़ी समस्या है।

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अंडरवाटर मेट्रो बनाते हुए हुआ बड़ा हादसा
2017 में TBM ने पानी में सुरंग बनाना शुरू किया। हुगली के नीचे टनल की खुदाई का काम 125 दिन में पूरा होना था, लेकिन उसे 67 दिन में पूरा कर लिया गया। 1 सितंबर, 2019 को TBM चंडी सियालदह से करीब आधा किलोमीटर दूर थी, तभी एक बड़े पत्थर से टकरा गई।

इससे टनल में बड़े पैमाने पर मिट्टी भर गई और बहू बाजार की कई इमारतें क्षतिगस्त हो गईं। इस घटना ने सभी को हिलाकर रखा दिया था। सैकड़ों परिवारों को होटलों में शिफ्ट करना पड़ा। हाईकोर्ट ने काम रोक दिया। जब कुछ महीने कोई धंसाव नहीं हुआ तो फरवरी 2020 में फिर काम शुरू हुआ।

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