Kolkata Doctor Case: कलकत्ता हाईकोर्ट चीफ जस्टिस टी एस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर केस की जांच CBI को सौंप दी है। राज्य सरकार कल सुबह 10 बजे तक CBI को केस डायरी और दूसरे रिकॉर्ड ट्रांसफर करेगी।
बेंच ने केंद्रीय एजेंसी को मामले की जांच सौंपते हुए केवी राजेंद्रन मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला दिया। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि दुर्लभ मामलों में निष्पक्ष और सही जांच के लिए यह जरूरी है।
हाईकोर्ट ने कहा कि हमने पुलिस को जांच के लिए समय दिया होता, लेकिन मामला अजीब है। घटना के 5 दिनों के बाद भी पुलिस किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंची है। इस बात की पूरी संभावना है कि सबूत मिटा दिए जाएंगे। इसलिए हमें लगता है कि मामला तुरंत CBI को ट्रांसफर किया जाना चाहिए।
प्रिंसिपल डॉ संदीप कुमार घोष के इस्तीफे पर उठाए कोर्ट ने सवाल
हाईकोर्ट ने घटना के बाद मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल डॉ संदीप कुमार घोष के इस्तीफे और दूसरी कॉलेज में उनकी नियुक्ति पर भी सवाल उठाए। कोर्ट ने कहा कि यह जानकर दुख होता है कि घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन और तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप कुमार घोष सक्रिय नहीं थे।
प्रिंसिपल ने अपना इस्तीफा दे दिया, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि उनके इस्तीफे पर क्या आदेश जारी किए गए थे। बल्कि इस्तीफे के 12 घंटे के भीतर 12 अगस्त को उन्हें एनएमसी, कोलकाता का प्रिंसिपल बना दिया गया। यह समझना मुश्किल है कि उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया और दूसरे मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनाने की क्या जल्दी थी। हाईकोर्ट ने डॉ संदीप कुमार घोष को छुट्टी पर जाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बंगाल सरकार से कहा कि उनको लंबी छुट्टी पर भेजिए। ऐसा नहीं हुआ तो हमें ऑर्डर पास करना होगा। उन्हें कहीं काम करने की जरूरत नहीं है। उनको कहिए घर पर रहें।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
चार पन्ने की रिपोर्ट में बताया गया है कि महिला के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध जबरन बनाए गए। इसी वजह से उसके प्राइवेट पार्ट्स से खून निकल रहा था। महिला डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म 9 अगस्त को तड़के 3 बजे से 5 बजे के बीच हुआ था। आरोपी ने महिला का मुंह और नाक बंद करके उसका सिर दीवार से सटा दिया ताकि वह चीख चिल्ला न सके। महिला के चेहरे पर खरोंच के निशान हैं, जो आरोपी के नाखूनों से बने हैं।
इससे साफ होता है कि महिला ने खुद को बचाने और लड़ने की पूरी कोशिश की थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिला की दोनों आखों, मुंह और प्राइवेट पार्ट से खून निकल रहा था। हालांकि, आंखों से खून निकलने की वजह पोस्टमार्टम में नहीं पता चल पाई है। आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह बॉक्सर रह चुका है और जब उसने महिला के चेहरे पर मुक्का मारा तो चश्मे का कांच उसकी आंखों में चला गया। इसी वजह से आंख से खून निकला था।
क्या है पूरा मामला
शुक्रवार (9 अगस्त) की सुबह आरजी कर हॉस्पिटल की इमरजेंसी बिल्डिंग के सेमिनार हॉल में 31 साल की ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। वह नाइट ड्यूटी पर थीं। डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट, आंखों और मुंह से खून बह रहा था। उसकी गर्दन की हड्डी भी टूटी हुई पाई गई थी। डॉक्टर की बॉडी के पास एक हेडफोन मिला था। पुलिस ने इस केस में कोलकाता पुलिस में काम करने वाले सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को 9 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। CCTV कैमरे में संजय शुक्रवार सुबह करीब 4 बजे इमरजेंसी बिल्डिंग में घुसते हुए दिखा था। तब उसके गले में हेडफोन था। हालांकि, सुबह करीब 6 बजे बिल्डिंग से बाहर निकलते समय उसके गले में हेडफोन नहीं था।
अस्पताल में ही काम करता था आरोपी
आरोपी अस्पताल में ही काम करता था। उसके पास सभी विभागों में आने-जाने की अनुमति थी। आरोपी ने भी दुष्कर्म और हत्या की बात स्वीकार की है। आरोपी संजय को अश्लील फिल्में देखने और शराब की लत थी। उसने चार शादियां की थीं। इस घटना से लोगों में भारी आक्रोश है और देशभर के डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं।
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