कांग्रेस ने काफी इंतजार के बाद आखिर अमेठी लोकसभा सीट पर प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है। इस बार अमेठी में गांधी परिवार से कोई चुनाव नहीं लड़ रहा है। अमेठी से कांग्रेस ने केएल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है। किशोरी लाल को सोनिया के लिए चाणक्य का किरदार निभाने वाला माना जाता है। वह 1983 से रायबरेली और अमेठी में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
ऐसे में जाहिर है कि सभी के मन में सवाल होगा कि कांग्रेस का गढ़ मानी जाने वाली अमेठी लोकसभा सीट से जिनको कांग्रेस ने टिकटा दिया है वो केएल शर्मा कौन हैं। तो आइए जानते हैं उनके बारे में…
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मूल रूप से किशोरी लाल शर्मा पंजाब के लुधियाना से ताल्लुक रखते हैं। 1983 के आसपास राजीव गांधी उन्हें पहली बार अमेठी लेकर आए थे। तब से वह यहीं के होकर रह गए। 1991 में राजीव गांधी की मृत्यु के बाद जब गांधी परिवार ने यहां से चुनाव लड़ना बंद किया तो भी शर्मा कांग्रेस पार्टी के सांसद के लिए काम करते रहे। उन्हें संगठन ही नहीं परिवार का भी वफादार माना जाता है।
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कैप्टन सतीश शर्मा और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी दोनों मित्र थे। पुराने कांग्रेसी बताते हैं कि कैप्टन शर्मा के माध्यम से ही किशोरी लाल राजीव गांधी के संपर्क में आए। तब वह नेहरू युवा केंद्र के जिला युवा समन्वक की नौकरी छोड़कर कैप्टन सतीश शर्मा के साथ अमेठी आए। जब राजीव अमेठी के सांसद रहे तो किशोरी, कैप्टन शर्मा के साथ मिलकर उनका काम देखते थे।
ये दीदी का प्यार है जो मेरी ताकत है। राहुल भैया ने मुझे हमेशा प्यार दिया है। अब मेरी बारी है परिवार का कर्ज उतारने की, विश्वास नहीं टूटने दूंगा.
मेरा परिवार,अमेठी,रायबरेली परिवार #Amethi #Raebarelipic.twitter.com/whe4xtD0cr— Kishori Lal Sharma Amethi (@KLSharmaAmethi) May 3, 2024
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कैसे मिली चाणक्य की उपाधि
1999 के लोकसभा चुनाव में सोनिया की अमेठी से जीत में किशोरी लाल की अहम भूमिका रही। चुनाव के बाद पांच साल तक किशोरी ने अमेठी में रहकर पूरी जिम्मेदारी संभाली। 2004 में सोनिया गांधी रायबरेली से सांसद बनीं तो सांसद प्रतिनिधि की जिम्मेदारी संभाली। सांसद सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में भी उनके कार्यालय आने वाले हर एक जरूरतमंद की हरसंभव मदद की। इसके बाद के चुनावों में उनके कुशल प्रबंधन का ही नतीजा रहा कि सोनिया को शानदार जीत मिली। इसके बाद से कई पार्टी के कई लोगों ने उनकी चाणक्य के किरदार से तुलना की।
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