अध्यात्म का दर्शन करवाएगी महाकाल एक्सप्रेस, ट्रेन में मिलेगी ये बेहतर सुविधा

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उत्तर प्रदेश: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी महाकाल एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखा चुके हैं। कहा जा रहा है महाकाल एक्सप्रेस यात्रियों को आध्यात्मिक अहसास भी कराएगी। महाकाल एक्सप्रेस की बोगी नंबर बी-5 में सीट नंबर 64 भगवान महाकाल(शिव) के लिए आरक्षित रहेगी। इस ट्रेन की एक सीट छोटे मंदिर के तौर पर तब्दील कर दी गई है। बता दें रविवार को चंदौली के पड़ाव से रिमोट के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने इस ट्रेन को रवाना किया था।

वाराणसी से इंदौर के बीच 20 फरवरी से चलाई जाने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस में आठ अलग-अलग तीर्थस्थलों के लिए पैकेज भी होगा। वाराणसी, अयोध्या, प्रयागराज, इंदौर, उज्जैन, भोपाल के धार्मिक व पर्यटन स्थलों के लिए आईआरसीटीसी ने एक पैकेज भी तैयार किया है। महाकाल एक्सप्रेस में धार्मिक यात्रियों का खास ख्याल रखा गया है।

इसमें चलने वाले यात्रियों के मनोरंजन और अध्यात्मिक अहसास के लिए भजन-कीर्तन का आयोजन भी किया जा रहा है। शुरुआती दिन में एक मंडली जाएगी, जो भजन-कीर्तन गाएगी. इसके बाद 20 फरवरी को भी एक मंडली का आयोजन होगा। इसके बाद लगातार कैसेट के जरिए अनांउसमेंट के जारिए लोग भजन-कीर्तन सुन सकेंगे।

किस दिन और कौनसे स्टेशनों के बीच चलेगी-
खबरों के मुताबिक, ट्रेन सप्ताह में दो दिन मंगलवार और गुरुवार को वाराणसी से चलेगी। यह लखनऊ, कानपुर, बीना, भोपाल, उज्जैन होते हुए इंदौर तक पहुंचेगी। इंदौर से बुधवार और शुक्रवार को उज्जैन, संत हिरदाराम नगर (भोपाल), बीना, कानपुर और लखनऊ होकर वाराणसी जाएगी। वाराणसी-इंदौर वाया इलाहाबाद-कानपुर-बीना ट्रेन रविवार को चलेगी। सोमवार को इंदौर पहुंचेगी। हर सोमवार इंदौर, उज्जैन, संत हिरदाराम नगर, बीना, कानपुर, इलाहाबाद होकर वाराणसी पहुंचेगी।

क्यों शुरू हुआ महाकाल एक्सप्रेस का विरोध-

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले पर सवाल खड़े किए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर एक ट्वीट किया है। दरअसल, समाचार एजेंसी ANI ने वाराणसी में काशी महाकाल एक्सप्रेस के बी5 कोच में सीट नंबर 64 को मंदिर के रूप में बदल दिया गया है। यहां भगवान शिव का छोटा सा मंदिर बनाया गया है, ताकि ट्रेन में भी लोगों को भगवान शिव के दर्शन करने को मिलें।

इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग किया और संविधान की प्रस्तावना को साझा किया। बता दें कि संविधान की प्रस्तावना पर सभी धर्मों के साथ एक समान, सभी लोगों के साथ एक समान व्यवहार करने के बारे में लिखा गया है।

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी इससे पहले भी मोदी सरकार पर धर्म के आधार पर राजनीति करने का आरोप लगाते रहे हैं, जिसमें नागरिकता संशोधन एक्ट, नेशनल रजिस्टर फॉर सिटीजन को लागू करना भी शामिल है।

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