देश के 46वें CJI बने रंजन गोगोई, लिए थे ये अहम फैसले

जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं, जिन्‍होंने 12 जनवरी 2018 को एक अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के कामकाज के तरीके और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए गए थे।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ जज रंजन गोगोई ने चीफ जस्टिस पद की कमान संभाल ली है। बुधवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में उन्होंने 46वें चीफ जस्टिस पद की शपथ ली। चर्चा है कि वरिष्ठ जज बनते ही गोगोई के सामने आधार और एनआरसी को लेकर बड़े केसों से आमना-सामना हो सकता है।

बता दें, जस्टिस गोगोई सुप्रीम कोर्ट के उन चार जजों में शामिल रहे हैं, जिन्‍होंने 12 जनवरी 2018 को एक अप्रत्याशित प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुप्रीम कोर्ट के कामकाज के तरीके और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए गए थे। सवाल उठाने वाले सुप्रीम के चार जजों में जस्टिस रंजन गोगोई के साथ जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ शामिल थे।

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नए सीजेआई रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 तक अपना कार्यभार संभालेंगे। चीफ जस्टिस गोगोई इस पद पर पहुंचने वाले भारते के पूर्वोत्तर इलाके से पहले जज हैं। 18 नवंबर, 1954 को जन्मे जस्टिस रंजन गोगोई ने डिब्रूगढ़ के डॉन बोस्को स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास की पढ़ाई की। इसके साथ गोगोई के पिता केशब चंद्र गोगोई असम में कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं, साथ ही 1982 में केशब चंद्र गोगोई मुख्यमंत्री भी रहे हैं। 1998 में उनका निधन हो गया था।

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रंजन गोगोई के अबतक के अहम फैसले

  1. जाटों को केंद्रीय सेवाओं में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के दायरे से बाहर करने वाली पीठ में जस्टिस रंजन गोगोई शामिल थे।

2. जस्टिस रंजन गोगोई ने असम में घुसपैठियों की पहचान के लिए राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) बनाने का दिया निर्णय दिया था।

3. सौम्या मर्डर मामले में ब्लॉग लिखने पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू को अदालत में जस्टिस रंजन गोगोई ने तलब किया था।

4. जस्टिस रंजन गोगोई ने जेएनयू छात्रनेता कन्हैया कुमार के मामले में एसआईटी गठन करने से साफ इनकार कर दिया था।

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