चेन्नई: तमिलनाडु की मुख्यमंत्री और देश की ताकतवर महिला राजनेताओं में शुमार जे. जयललिता का चेन्नई के अपोलो अस्पताल में सोमवार रात निधन हो गया। वह 68 वर्ष की थीं और पिछले करीब 3 माह से अस्पताल में भर्ती थीं। लोगों के अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को राजाजी हॉल में रखा गया है। उनका शव जिस रास्ते से ले जाया रहा था, वहां समर्थकों की भारी भीड़ जुटी हुई थी। इस दौरान कई बार समर्थकों और पुलिस में झड़प देखने को मिली। पूरी चेन्नई में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात है।
जयललिता जयराम राज्य की एक लोकप्रिय नेता थीं, जिन्होंने अपने लोकलुभावन कार्यक्रमों से गरीबों का दिल जीता और पिछले तीन दशक से प्रदेश की राजनीति में एक ध्रुव थीं. उनको रविवार शाम को दिल का दौरा पड़ा था और तभी से उनकी स्थिति बेहद गंभीर बनी हुई थी। तमिलनाडु में स्कूल और कॉलेज तीन दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं और 6 दिसंबर से सात दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
उनके निधन की घोषणा के दो घंटे बाद तेजी से राजनीतिक परिवर्तन के तहत उनके वफादार ओ पनीरसेल्वम को राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। पूर्ववर्ती जयललिता मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। पनीरसेल्वम दो बार पहले भी जयललिता की जगह पर मुख्यमंत्री बने थे, जब उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में दोषी ठहराया गया था। गत सितंबर में अपोलो अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद जयललिता के पास जिन विभागों का प्रभार था उन्हें राज्य के वित्तमंत्री के तौर पर पनीरसेल्वम को सौंपा गया था।
जयललिता ने छह महीने से कुछ पहले हुए राज्य विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी को ऐतिहासिक जीत दिलाई थी। अभिनेत्री से नेता बनीं जयललिता 1980 के दशक की शुरुआत में अन्नाद्रमुक की प्रचार सचिव नियुक्त हुईं और एमजीआर सरकार में उन्हें मिडडे मील योजना का प्रभारी बनाया गया। उन्होंने बाद में अपने मार्गदर्शक दिवंगत एमजीआर की विरासत को संभाला।