26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना द्वारा की गई एयरस्ट्राइक की जानकारी धीरे-धीरे ही सही लेकिन वहीं आ रही है जिसकी सभी उम्मीद लगाए बैठे थे। दरअसल, एक रिपोर्टर का दावा है कि भारत के द्वारा की गई एयरस्ट्राइक में करीब जैश-ए-मोहम्मद के 170 आतंकी मारे गए थे और जो घायल हुए हैं उनका अभी तक इलाज चल रहा है।
ये दावा इटली की एक पत्रकार फ्रेंसेसा मरीनो ने किया है। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा, लाख कोशिशों के बावजूद पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना नुकसान की सच्चाई को झुठला नहीं पाई। एक वेबसाइट स्ट्रिंगर एशिया पर प्रकाशित लेख में मरीनो ने कहा कि हमले में घायल हुए 45 आतंकियों का इलाज अब भी किया जा रहा है।
मरीनो के इस लेख के अनुसार, ‘ये सबको पता है कि भारतीय वायुसेना ने हमला रात 3.30 बजे किया। पाकिस्तानी सेना के सबसे करीबी कैम्प शिनकारी से एक टुकड़ी सुबह 6 बजे वहां पहुंची। शिनकारी बालाकोट से 20 किलोमीटर दूर है। शिनकारी ही पाकिस्तान आर्मी के जूनियर लीडर्स का बेस कैम्प भी है।
यूनिट ने वहां पहुंचकर घायलों को हरकत-उल-मुजाहिदीन के कैम्प में पहुंचाया। वहां पाकिस्तान आर्मी के डॉक्टरों ने उनका इलाज शुरू किया। स्थानीय सूत्रों ने बताया कि वहां अब भी 45 आतंकियों का इलाज चल रहा है। 20 की इलाज के दौरान मौत हो गई।’
Some smart fellows are trying to hack my website. Police already been alerted
— FrancescaMarino (@francescam63) May 9, 2019
बता दें, इस खबर के प्रकाशित होने के बाद पत्रकार फ्रेंसेसा मरीनो की वेबसाइट हैक करने की कोशिश की गई है जिसकी जानकारी उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर दी।
सेना के निगरानी में घायल आतंकी
इटैलियन पत्रकार ने आगे लिखा, ‘जिन आतंकियों का इलाज चल रहा है, वो सभी सेना की हिरासत में हैं। कई हफ्ते के इंतजार और जानकारी जुटाने के बाद अब यह दावा करना बिल्कुल सुरक्षित होगा कि हमले के वक्त ही करीब 130 से 170 जैश आतंकी ढेर हो गए थे। इनमें 11 प्रशिक्षक भी थे। दो ट्रेनर अफगानी थे।’
जैश का दावा-बदला जरूर लिया जाएगा
इस लेख के मुताबिक, ‘स्थानीय नागरिक तो क्या लोकल पुलिस भी कैम्प के आसपास तक नहीं जा सकती। पुराने लोगों में से यहां कुछ बच्चे और 4 अध्यापक ही बचे हैं। लोगों के बीच चर्चा है कि क्यों हमले के बाद कैम्प से मलबा निकालकर उसे कुन्हार नदी में फेंका गया। जैश के लोग दावा कर रहे हैं कि वो हमले का बदला जरूर लेंगे।
आतंकियों के परिवारों को मिलेगा मुआवजा
मरीनो ने दावा किया है कि हमले के बाद जैश के आतंकी अपने उन साथियों के घर पहुंचे जो इस हमले में मारे गए थे। इनके परिवारों को मुआवजे के तौर पर नकद राशि दी गई। बालाकोट कैम्प के निचले हिस्से में ‘ब्लू पाइन होटल’ है। इसके बगल में अब नया साइन बोर्ड लगाया गया है। इस पर लिखा है- तालीम-उल-कुरान। पहले यहां जैश के साइन बोर्ड हुआ करते थे। कैम्प पर अब भी सेना का ही कब्जा है। कैप्टन रैंक का एक अधिकारी यहां प्रशासन संभाल रहा है।
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