भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष ब्रजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग को लेकर एक बार फिर पहलवान धरने पर बैठ गए। दिल्ली पुलिस को लिखित में दी गई शिकायत के बावजूद भी 48 घंटे तक FIR दर्ज न होने से खफा पहलवान बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित बड़े कुश्ती पहलवान जंतर-मंतर पहुंचे।
इस दौरान धरने पर बैठीं विश्व चैंपियनशिप की पदक विजेता विनेश ने कहा, ‘देश के खिलाड़ी बोल रहे हैं कि हमारा उत्पीड़न हुआ है, इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और जो आरोपी है उसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि हमारी लाइफ, हमारा गेम, हमारा परिवार सब कुछ दांव पर लगाकर हम यहां पर आए हैं।
तीन महीने से हम इतने मेंटल टॉर्चर से गुजर रहे हैं, सिर्फ इसलिए कि हमें इंसाफ मिले। ये महिला खिलाड़ियों के सम्मान की बात है। हमारी लड़कियां इंटरनेशनल लेवल पर ओलंपिक में मेडल्स लाती हैं, अगर इस देश में हम ही सुरक्षित नहीं हैं तो बाकी लड़कियों के भविष्य के बारे में हम क्या सोच सकते हैं।
पहलवानों ने इस बार क्या कहा?
रविवार (23 अप्रैल) को धरने पर बैठने आए पहलवानों ने खेल मंत्रालय पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया। पहलवानों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ धोखा किया है, एक महीने में कार्रवाई का भरोसा दिया गया था लेकिन अब तीन महीने बाद भी जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। साथ ही कहा कि सरकार ने पहलवानों को जो आश्वासन दिया था वह झूठा निकला। सरकार ने पहलवानों के साथ धोखा किया है।
खेल मंत्री ने बनाई थी निगरानी समिति
पहलवानों का प्रदर्शन जनवरी में तीन दिनों तक चला था। पहलवानों ने खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ बातचीत के बाद धरने को समाप्त किया था। उस समय बृजभूषण शरण सिंह को कुश्ती संघ के अध्यक्ष पद से अस्थायी रूप से हटा दिया गया और उनके ऊपर लगे आरोपों की जांच के लिए समिति बना दी गई थी। खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 23 जनवरी को एमसी मैरी कॉम की अगुवाई में जांच के लिए निगरानी समिति का गठन किया था। जिसमें कमांडर राजेश राजगोपालन, राधिका श्रीमान, बबिता फोगाट, योगेश्वर दत्त और तृप्ति मुरुगुंडे को शामिल किया गया था।