नई दिल्ली: सर्तक रहिए, मुनाफा कमाने के लिए अब भारतीय रेलवे कभी भी आपकी निजी जानकारी थर्ड पार्टी को बेच सकती है। जैसा कि आप जानते हैं भारतीय रेलवे का एकमात्र ऑनलाइन टिकट बुकिंग प्लेटफॉर्म आईआरसीटीसी (IRCTC) है और इसके पास यात्रियों की निजी जानकारी की भरमार है।
खबर है कि आईआरसीटीसी सरकारी और निजी कंपनियों के साथ कारोबार करते समय अपने पास जमा यात्रियों के डेटा को साझा कर सकती है। इससे कंपनी को 1,000 करोड़ रुपए तक का लाभ हो सकता है। इसकी जानकारी इंटरनेट फ्रीडम फाउंडेशन ने ट्वीट करके 64 पेजों का डॉक्यूमेंट शेयर किया है।
अगर आपको लग रहा है ये सब भारतीय रेलवे गुपचुप तरीके से कर रही है तो, ऐसा बिल्कुल नहीं है। बल्कि IRCTC ने बकायदा इसका एक ट्रेंडर निकाला है और इसके लिए सुझाव मांगा है। भारतीय रेलवे के बुकिंग प्लेटफॉर्म आईआरसीटीसी के इस ट्रेंडर निकालने भर से आईआरसीटी के शेयर में लगभग 4 फीसदी की उछाल भी देखी गई है। BSE पर शुक्रवार को IRCTC का शेयर 712 रुपये के भाव पर खुला और कुछ ही देर में 746.75 रुपये तक पहुंच गया. IRCTC के शेयर में तेजी की वजह कंपनी का टेंडर है।
🚨ALERT: Hey train travellers, your data will soon be monetised by the govt. & that too, in the absence of a data protection legislation! @IRCTCofficial has uploaded a tender to appoint a consultant for digital data monetisation.🧵on what this means. 1/8https://t.co/YbyF0tazZi pic.twitter.com/x9vMfGlKxC
— Internet Freedom Foundation (IFF) (@internetfreedom) August 19, 2022
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क्या लिखा है IRCTC के टेंडर में-
आईआरसीटीसी द्वारा जारी टेंडर में कहा गया है कि, IRCTC आईआरसीटीसी के पास विशाल डिजिटल डाटा का भंडार है, जो मौद्रीकरण की अपार संभावनाएं पैदा करता है। आईआरसीटी की इच्छा है कि इस डाटा संपत्ति का लाभ उठाकर राजस्व में मजबूत बढ़ोतरी की जाए। इस डिजिटल डाटा का मौद्रीकरण कर 1000 करोड़ रुपये तक जुटाए जा सकते हैं। इसके लिए वह सलाहकार फर्म की सेवा लेना चाहता है जो डाटा मौद्रीकरण के अवसरों को भुनाने के लिए पहचान, डिजाइन और विकास का काम करे।
यात्रियों के निजी डाटा के तौर पर IRCTC के पास क्या है?
आईआरसीटीसी के पास आपकी सभी प्रकार की जानकारी है। जैसे- आईडी कार्ड (आधार, ड्राईविंग, वोटर आदि) नाम, उम्र, स्थान, फोन नम्बर, घूमने जाने की जानकारी आदि।
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क्या सरकार निजी डाटा बेचेगी?
अभी यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता कि आईआरसीटीसी पूरी तरह से यात्रियों का डेटा किसी थर्ड पार्टी के साथ साझा करेगी। लेकिन इस खबर के बाहर आने के बाद सोशल मीडिया पर इसका विरोध तेज हो गया है। लेकिन, IRCTC के टेंडर निकालने के तरीके को देखते हुए ये संभावना लगाई जा सकती है कि भविष्य में इसका इस्तेमाल कुछ खास एजेंसियों के साथ आईआरसीटीसी साझा कर सकती है। जोकि यात्रियों से यात्रा के समय खाने-पीने की चीजों के लिए या स्टेशन पर उतरने के बाद कैब सर्विस के लिए या फिर होटलों की बुकिंग के लिए या फिर पर्यटन से जुड़े दूसरे बिजनेस के लिए संपर्क कर सकते हैं। फिलहाल आईआरसीटीसी की असल योजना है क्या ? इसके लिए अभी थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
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