103 मिनट के भाषण में कम्युनल और सेक्युलर सिविल कोड की क्यों की बात, जानें क्या हैं इनके मतलब?

पीएम मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री 11वें स्वतंत्रता दिवस पर 103 मिनट का सबसे लंबा भाषण दिया। पहली बार उन्होंने लालकिले से 100 मिनट से ज्यादा की स्पीच दी है। चार बार (2016, 2019, 2022, 2023) 90 मिनट से ज्यादा का भाषण दिया है।

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78वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) पर बतौर प्रधानमंत्री मोदी ने लगातार 11वीं बार लाल किले पर झंडा फहराया। अपने 103 मिनट के भाषण में PM ने कहा कि देश में अगले 5 साल में 75 हजार मेडिकल सीटें बढ़ाई जाएंगी। वहीं कोलकाता रेप-मर्डर पर उन्होंने कहा- ऐसे राक्षसों को फांसी पर लटका दिया जाए। देश में 75 सालों से कम्युनल सिविल कोड है। अब देश को सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत है।

पीएम मोदी ने कहा, “हमारे देश में सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है। कोर्ट की तरफ से कई बार आदेश दिए गए हैं। देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड सांप्रदायिक है। इस बात में सच्चाई भी है कि जिस सिविल कोड को लेकर हम जी रहे हैंवो एक प्रकार का कम्युनल सिविल कोड है। ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है। आज हम संविधान के 75 वर्ष जब मनाने जा रहे हैं तो इसकी भावना और देश की सुप्रीम कोर्ट भी हमें यही कहती है।” 

उन्होंने आगे कहा, “संविधान निर्माताओं का जो सपना थाउसे पूरा करना हमारा दायित्व है। मैं मानता हूं कि इस गंभीर विषय पर चर्चा हो। हर कोई अपने विचारों को लेकर आए। धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है। अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो। हमने कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैंअब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा। तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी।

सेक्युलर का मतलब क्या होता है?
सेकुलर शब्द काफी पुराना है। ये लेटिन भाषा के saeculum से बना हैजिसका अर्थ है– किसी भी धर्म के प्रति तटस्थ रहने वाला। यानी जो सही मायने में सेकुलर होते हैं कि वे किसी भी धर्म विशेष के लिए झुकाव या रंजिश नहीं रखते। हालांकि लेटिन में इसका मूल अर्थ अनंत और सार्थक जीवन से है। क्रिश्चियन धर्म में इसे ईश्वर से जोड़ा जाता है जो समय के बाद भी रहते हैं।

सांप्रदायिक का मतलब क्या होता है?
सांप्रदायिक का मतलब होता है किसी कम्यून या समुदाय से संबंधित। वहीं सांप्रदायिकता एक सामाजिकराजनीतिक विचारधारा या किए जाने वाले कामों को परिभाषित करती है जो किसी धार्मिक या जातीय समूह की पहचान पर जोर देती हैजो अक्सर समाज के भीतर अन्य समूहों के प्रति बहिष्कार या शत्रुता की ओर ले जाती है।

सरकारी नीतियों पर PM मोदी

  • विकसित भारत: PM ने कहा- 2047 विकसित भारत हमारी प्रतीक्षा कर रहा है। ये देश चलने के लिए प्रतिबद्ध है। मैं तीसरे टर्म में तीन गुना काम करूंगा। ताकि देश के सपनों को पूरा कर सकूं। अब दुनिया के लिए डिजाइनिंग इंडिया पर बल देना है, अब इंडियन स्टैंडर्ड, इंटरनेशनल स्टैंडर्ड बनने चाहिए। डिजाइन के क्षेत्र में हम दुनिया को बहुत कुछ दे सकते हैं।
  • नई शिक्षा नीति: एजुकेशन सिस्टम में नई शिक्षा नीति आने से मातृ भाषा को बल मिला। भाषा टैलेंट के रास्ते नहीं आनी चाहिए। जीवन में मातृ भाषा को बल देना होगा। आज दुनिया में जैसा बदलाव हो रहा है, अब जाकर स्किल का महत्व बढ़ गया है।
  • न्याय संहिता: हमने 1500 से ज्यादा कानूनों को खत्म कर दिया। छोटी गलती के चलते जेल जाने वाले कानूनों को खत्म कर दिया। आज हमने जो आजादी की विरासत की गर्व की बात करते हैं। सदियों से जो पुराने क्रिमिनल लॉ थे, उन्हें खत्म किया है। हमने दंड नहीं न्याय पर फोकस रखा।
  • आत्मनिर्भर भारत: डिफेंस सेक्टर में हमारी आदत हो गई थी कि बजट का पैसा कहां जाता है, विदेश से इंपोर्ट करते थे। आज इसमें आत्मनिर्भर बने हैं। आज डिफेंस मैनयूफैक्चरिंग का हब बने हैं। दुनिया में हथियार एक्सपोर्ट कर रहे हैं।
  • बैकिंग सेक्टर: बैंकिग क्षेत्र में हमने रिफॉर्म किया तो दुनिया की मजबूत बैकों में हमारी बैंकों ने स्थान बनाया। बैंकिंग सेक्टर मजबूत हो तो विकास भी होता है, हमारे नौजवानों को पढ़ाई, विदेश जाने के लिए लोन चाहिए। किसानों को लोन चाहिए, रेहड़ी पटरी वाले भी लोन ले रहे और विकास में भागीदार बन रहे हैं।
  • कृषि रिफॉर्मिंग: हम किसानों की मदद कर रहे हैं, आसान लोन दे रहे हैं, उसे टेक्नोलॉजी दे रहे हैं। उसे एंड टु एंड होल्डिंग मिले उस दिशा में काम रहे हैं। आज दुनिया के लिए ऑर्गेनिक फूड बनाने वाला फूड बॉस्केट हमारे देश का किसान बना सकता है।

बताते चले, पीएम मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री 11वें स्वतंत्रता दिवस पर 103 मिनट का सबसे लंबा भाषण दिया। पहली बार उन्होंने लालकिले से 100 मिनट से ज्यादा की स्पीच दी है। चार बार (2016, 2019, 2022, 2023) 90 मिनट से ज्यादा का भाषण दिया है। सबसे छोटा भाषण साल 2014 का है, जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे। तब उन्होंने 65 मिनट की स्पीच दी थी।

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