केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पेट दर्द, उल्टी, दस्त बल्ड प्रेशर, जोड़ों के दर्द, बुखार, सर्दी जुकाम, बुखार समते 80 जेनरिक FDC दवाओं पर रोक लगा दी है। अब इन सभी दवाओं का निर्माण और बिक्री नहीं हो पाएगी। आपको बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की कमेटी ने इन दवाओं को प्रयोग के लिए सुरक्षित नहीं माना है। इन दवाओं का 900 करोड़ रुपए का कारोबार है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय 80 जेनरिक FDC दवाओं को प्रतिबंधित कर दिया है।
पेट दर्द, उल्टी,बल्ड प्रेशर, जोड़ों के दर्द, बुखार, सर्दी जुकाम,बुखार की दवाइयां इसमें शामिल है। फिक्सड डोज कॉम्बिनेशन वाली इन दवाओं में अधिकतर एंटीबायोटिक दवाएं हैं। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्रालय ने 300 से अधिक FDCs को प्रतिबंधित किया था।
पुरानी सूची की वजह से Alkem, Microlabs, Abbott सिप्ला , ग्लेनमार्क इंटास फार्मा फाइजर वॉकहार्ड और Lupin जैसे कंपनियों के कई ब्रांड प्रतिबंधित हुए थे। पुरानी सूची से 6000 से अधिक ब्रांड बंद हुए थे। आपको बता दें, सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर कहा है कि 11 जनवरी से पाबंदी लागू की गई है। अब प्रतिबंधित एफडीसी की कुल संख्या 405 हो गई है। पिछले साल सितंबर में 325 दवाओं पर पाबंदी लगाई गई थी।
क्या होती हैं FDC दवाएं
एफडीसी दवाएं वह दवाएं होती है जिनमें दो या ज्यादा दवाओं का कांबिनेशन होती हैं। अमेरिका और कई अन्य देशों में एफडीसी दवाओं की प्रचुरता पर रोक है। जितनी ज्यादा एफडीसी दवाएं भारत में बिकती हैं, उतनी शायद ही किसी विकसित देशों में इस्तेमाल होती हों। भारत में लगातार इन दवाओं के अनुपात और असर पर सवाल उठा जाते हैं।
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