कर्नाटक: 1 जुलाई 2019 से चला नाटक आखिरकार अब समाप्त हो गया। लंबी बहस के बाद मंगलवार शाम को आखिरकार विधानसभा में फ्लोर टेस्ट हुआ। इस दौरान स्पीकर को हटाकर सदन में विधायकों की संख्या 204 थी और बहुमत के लिए 103 का आंकड़ा जरूरी था। कांग्रेस-जेडीएस के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि भाजपा को 105 वोट मिले। कुमारस्वामी 14 महीने से 116 विधायकों के साथ सरकार चला रहे थे, लेकिन इसी महीने 15 विधायक बागी हो गए। अब भाजपा सरकार बनाने का दावा पेश करेगी। येदियुरप्पा चौथी बार मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
क्यों गिरी कुमारस्वामी की सरकार-
कुमारस्वामी ने 116 विधायकों के समर्थन से 14 महीने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार चलाई। एक जुलाई को दो विधायकों ने इस्तीफा दिया। इसके बाद इस्तीफों की संख्या 15 हो गई। दो अन्य निर्दलीय विधायकों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया।
मैं एक्सीडेंटल सीएम हूं-कुमारस्वामी-
सीएम ने इस्तीफा देने से पहलेअपने भावुक भाषण में कहा कि वह विश्वास मत पर वोटिंग के लिए तैयार हैं और खुशी से सीएम का पद छोड़ देंगे। कुमारस्वामी ने कहा कि वह राजनीति में नहीं आना चाहते थे, लेकिन किस्मत यहां ले आई। मैं एक्सीडेंटल सीएम हूं।
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बीजेपी पर लगे आरोप-
कर्नाटक कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधायक को थोक में खरीदे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि यहां थोक में व्यापार से दिक्कत है आगर रिटेल में एक दो सदस्यों का व्यापार होता तो कोई दिक्कत न होती। बागी विधायक थोक में लिप्त हैं।
बीजेपी ने जीत को बताया कर्म फल
कुमार स्वामी की सरकार गिरने के बाद बीजेपी कर्नाटक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट किया गया जिसपर लिखा था कि कि ये सब कर्मों का खेल है।
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