सत्संग में भगदड़, 120 से ज्यादा मौत, दहल गया यूपी का हाथरस, देखें VIDEO

भोले बाबा का असली नाम नारायण हरि है। वह एटा के रहने वाले हैं। करीब 25 साल से वह सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इनके अनुयायी हैं।

0
121

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले ( Hathras Satsang Tragedy)  के सिकंदराराऊ में आयोजित सत्संग में मंगलवार (2 जुलाई) को भगदड़ मच गई।  नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मचने से 122 लोगों की जान चली गई। हादसा हाथरस जिले से 47 किमी दूर फुलरई गांव में मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे हुआ। नारायण साकार हरि को भोले बाबा के नाम से जाना जाता है।

मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। 150 लोग घायल हैं। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। घायलों और शवों को टैंपो और बसों में भरकर अस्पताल लाया गया। अस्पताल के बाहर अभी शव बिखरे पड़े हैं। मृतकों में ज्यादातर हाथरस, बदायूं और पश्चिम यूपी के जिलों के हैं।

हाथरस हादसे में PM मोदी ने मुआवजे का एलान किया है। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की मदद की घोषणा की है। वहीं घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद की बात कही है। पीएम ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा
डीएम आशीष कुमार ने बताया कि सत्संग की अनुमति एसडीएम ने दी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि उन्होंने सत्संग स्थल पर भीड़ का अंदाजा क्यों नहीं नहीं लगाया. एंट्री-एग्जिट प्वाइंट क्यों नहीं देखा गया। सत्संग का आयोजन बाबा नारायण साकार हरि उर्फ साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा ने किया था। डीएम ने बताया कि वहां कानून-व्यवस्था के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। अंदर की व्यवस्था स्वयं (बाबा) उनके द्वारा की जानी थी। ये घटना कैसे हुई इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।

ये भी पढ़ें: पुणे में फैला जीका वायरस, क्या है ये वायरस? इन 4 कारणों से फैलता जीका

हाथरस प्रशासन ने जारी की हेल्पलाइन
हाथरस जिला प्रशासन ने हेल्पलाइन जारी की है। अपनों की जानकारी ली जा सकती है।
05722227041
05722227042

कौन है भोले बाबा- भोले बाबा का असली नाम नारायण हरि है। वह एटा के रहने वाले हैं। करीब 25 साल से वह सत्संग कर रहे हैं। पश्चिमी यूपी के अलावा राजस्थान, हरियाणा में भी इनके अनुयायी हैं। मंगलवार को 50 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे थे।

ये भी पढ़ें: आपकी पानीपूरी में जहर है…FSSAI को सैंपल में मिले कैंसर वाले केमिकल

चश्मदीदों ने क्या-क्या बताया
चश्मदीदों ने बताया कि कार्यक्रम आयोजन स्थल पर भीषण गर्मी थी, उमस से लोग परेशान थे। आगे बताया सत्संग स्थल पर जमीन भी ऊबड़ खाबड़ थी। सवाल उठता है कि जिस बाबा के सैकड़ों भक्त हैं, उसने आयोजन स्थल पर उचित इंतजाम क्यों नहीं किए। चश्मदीदों ने बताया कि भगदड़ बाबा के कार्यक्रम खत्म होने के बाद हुई, जब लोग अपने घर को लौटने लगे। सत्संग के सेवादारों ने भक्तों को रोकने की भी कोशिश की। इससे भगदड़ की स्थिति और गंभीर हो गई।

ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैं, ऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।