Farmers Protest 2024: पंजाब से किसानों का दिल्ली कूच शुरू हो गया है। 12 फरवरी की रात चंडीगढ़ में साढ़े 5 घंटे चली मीटिंग में किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बीच न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) गारंटी कानून और कर्ज माफी पर सहमति नहीं बन पाई थी।
इधर, आंदोलन को देखते हुए दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की बॉर्डर सील हैं। हरियाणा के 7 और राजस्थान के 3 जिलों में इंटरनेट बंद है। 15 जिलों में धारा 144 लागू की गई है। हरियाणा और दिल्ली की सिंघु-टीकरी बॉर्डर, यूपी से जुड़ी गाजीपुर बॉर्डर सील कर दी गई हैं। दिल्ली में भी कड़ी बैरिकेडिंग है। यहां एक महीने के लिए धारा 144 भी लागू कर दी गई है। भीड़ जुटने और ट्रैक्टर्स की एंट्री पर रोक लगा दी है।
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किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा- सरकार किसानों की मांगों को लेकर सीरियस नहीं है। उनके मन में खोट है। वह सिर्फ टाइम पास करना चाहती है। हम सरकार के प्रस्ताव पर विचार करेंगे, लेकिन आंदोलन पर कायम हैं। उधर, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि बातचीत के जरिए सब बातों का हल निकलना चाहिए। कुछ ऐसे मामले हैं, जिन्हें सुलझाने के लिए कमेटी बनाने की जरूरत है।
खबर ये भी है कि पंजाब के किसान नेताओं ने शंभू बॉर्डर पर पहुंचने से पहले मीटिंग बुलाई है। सभी किसानों को बॉर्डर से 5 किमी पहले रुकने को कहा है। जहां से सब एक साथ पंजाब-हरियाणा के बीच बने शंभू बॉर्डर पर आएंगे। वहीं दिल्ली को पूरी तरह छावनी में तब्दील कर दिया है।
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर मीडिया में क्या बोला?
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हरियाणा को कश्मीर बना दिया गया है। हरियाणा सरकार हर गांव में पुलिस भेज रही है। हरियाणा के हर गांव में वाटर कैनन भेजे हैं। हरियाणा के हर गांव में पटवारी जा रहे हैं। किसानों के रिश्तेदारों व परिवार को तंग किया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आपका बेटा MBBS कर रहा है, उसे करने नहीं देंगे। डिग्री पूरी नहीं होने देंगे। भाई नौकरी कर रहा है और उसे नौकरी से निकाल देंगे। पासपोर्ट रद्द करने की धमकी दे रहे हैं। पंजाब हरियाणा राज्य नहीं इंटरनेशनल बॉर्डर बन गए हैं।
हमने सड़कें नहीं रोकी, सरकार ने रोकी है। उन्हें पूछना चाहिए कि किस के फैसलों से 10-10 फीट ऊंची दीवारें व कील लगाए गए हैं। उनसे पूछना चाहिए कि उन्होंने ये क्या किया है। किसान सड़क ब्लॉक करने के हक में नहीं। 2 साल पहले कहा था एमएसपी कमेटी बनाएंगे। लेकिन कुछ नहीं हुआ। हमारे सवालों के सरकार के पास जवाब नहीं है। एमएसपी पर बीते दो सालों से एक भी बैठक नहीं हुई।
#WATCH | Police fire tear gas to disperse protesting farmers at Punjab-Haryana Shambhu border. pic.twitter.com/LNpKPqdTR4
— ANI (@ANI) February 13, 2024
कौन-कौन है किसान आंदोलन मुख्य चेहरे
संयुक्त किसान मोर्चा (अराजनैतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के प्रमुख चेहराें की बात की जाएं तो इसमें जगजीत सिंह डल्लेवाल, सरवन सिंह पंधेर, अभिमन्यु कोहाड़, अमरजीत सिंह मोहड़ी, दिलबाग सिंह हरिगढ़,शिवकुमार शर्मा कक्का जी,राजिंदर सिंह चाहल, सुरजीत सिंह फूल, सुखजीत सिंह हरदोझंडे, गुरध्यान सिंह भटेड़ी, सुखजिंदर सिंह खोसा, गुरमनीत सिंह मांगट, रंजीत राजू, राहुल राज जैसे किसान नेता शामिल हैं।
क्या है किसान आंदोलन की मांगे
- सभी फसलें MSP पर खरीदी जाएं, MSP गारंटी कानून बनाई जाएं और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के अनुसार फसलों के भाव तय किए जाएं।
- किसानों और मजदूरों की पूर्ण कर्जमुक्ति की जाए।
- भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को पूरे देश में फिर से लागू किया जाए. भूमि अधिग्रहण से पहले किसानों की लिखित सहमति और कलेक्टर रेट से 4 गुना मुआवजा देने की व्यवस्था हो।
- लखीमपुर खीरी नरसंहार के दोषियों को सजा और पीड़ित किसानों को न्याय मिले।
- विश्व व्यापार संगठन से भारत बाहर आए. सभी मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
- किसानों और खेत मजदूरों को पेंशन दी जाए।
- दिल्ली किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों के परिजनों को एक लाख का मुआवजा और नौकरी दी जाए.
- विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
- मनरेगा से प्रति वर्ष 200 दिन का रोजगार, 700 रुपये का मजदूरी भत्ता दिया जाए। मनरेगा को खेती के साथ जोड़ा जाए।
#WATCH: Fatehgarh Sahib: Punjab Kisan Mazdoor Sangharsh Committee General Secretary Sarwan Singh Pandher says “We tried to find a solution so that we do not have to stand against the Govt. We were expecting that we would be given something. In the 5-hour-long meeting yesterday,… pic.twitter.com/ssD512gdrc
— ANI (@ANI) February 13, 2024
- नकली बीज, कीटनाशक दवाइयां, खाद बनाने वाली कंपनियों पर सख्त दंड और जुर्माने का प्रावधान हो और बीजों की गुणवत्ता में सुधार किया जाएं।
- मिर्च, हल्दी और अन्य मसालों के लिए राष्ट्रीय आयोग का गठन किया जाए।
- संविधान की 5 सूची को लागू किया जाए और जल, जंगल, जमीन पर आदिवासियों के अधिकार सुनिश्चित करते हुए आदिवासियों की जमीन की लूट बन्द की जाए।
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