दिल्ली: नए साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बहुजन समाज पार्टी (BSP) की मुश्किलें बढ़ गईं है। ईडी को यूनियन बैंक की शाखा में दो ऐसे बैंक खाते मिले जिसमें करोड़ों रुपये जमा किए गए थे। उसमें एक खाता मायावती के भाई आनंद के नाम था जिसमें ईडी को एक करोड़ 43 लाख रुपए मिले। साथ ही दूसरा खाता बहुजन समाज पार्टी के नाम पर था जिसमें ईडी को लगभग 104 करोड़ रुपये मिले।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सरकारी कार्रवाई का जवाब देते हुए मायावती ने कहा, ‘अगस्त महीने के दौरान मेंबरशिप का पैसा आया, उस समय मैं देशभर के दौरे पर थी। मेंबरशिप के लिए बड़े नोट सदस्यों ने जमा कराए। लेकिन पार्टी की छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है। नोटबंदी पर मेरे बयान से बीजेपी की नींद उड़ गई है। हमारी पार्टी कार्यकर्ताओं ने पैसा जमा कराए हैं और हमारे पास एक-एक पैसे का हिसाब है।’
बता दें दिल्ली के करोल बाग में यूनियन बैंक की ब्रांच में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी की जांच चल रही है। नोटबंदी के बाद पहली बार किसी बड़ी राजनीतिक पार्टी पर जांच की सुई घूमी है।
सूत्रों के मुताबिक, इन नोटों में लगभग 102 करोड़ रुपए 1000 के नोटों की शक्ल में थे। जबकि बाकी रकम पांच सौ के नोटों के रूप में जमा कराई गई थी। अब आयकर विभाग बीएसपी से इतनी बड़ी नगदी का सोर्स पूछ सकता है।
नियम के मुताबिक राजनीतिक पार्टी को बीस हजार रुपए से ज्यादा के चंदे का रिकॉर्ड रखना होता है। बताना होता है कि चंदा किसने दिया है, वो कहां रहता है। अगर कोई पार्टी इसका हिसाब नहीं रखती है तो आय़कर विभाग उसके खिलाफ एक्शन ले सकता है।
बैंक में बड़े पैमाने पर पुराने नोट हुए जमा
ईडी के यूनियन बैंक के इस ब्रांच के दो खातों में नोटबंदी की घोषणा के बाद संदिग्ध रूप से अत्यधिक मात्रा में पैसा जमा होने की खबर मिली थी। सूत्रों की मानें तो UBI की इस ब्रांच में हर रोज 15 से 20 करोड़ रुपये जमा हो रहे हैं, जिसके बाद ये दबिश दी गई। ईडी ने बैंक से इन दो खातों का पूरा ब्यौरा मांगा है और बैंक अधिकारियों से बैंक के अंदर लगे सीसीटीवी फुटेज और बैंक खातों के केवाईसी दस्तावेज देने के लिए भी कहा है।
गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद मायावती लगातार मोदी सरकार को घेरने में लगी हुई हैं। ऐसे में बीजेपी उन पर पलटवार कर सकती है। सोमवार को मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में ले लिया और अब यह उनके लिए गले की फांस बन गया है। अपने चोर दरवाजे से बीजेपी ने पूंजीपतियों और धन्नासेठों का बहुत पैसा बहाया है।
वहीं मायावती ने नोटबंदी पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की ‘नूर उतर जाने’ वाली टिप्पणी पर पलटवार करते हुए कहा कि नूर उनका नहीं, बल्कि अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के चेहरे का उतर चुका है क्योंकि नोटबंदी से देश की जनता को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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