भूकंप के झटकों से हिला झारखंड, जानें कितनी रही तीव्रता और कितना हुआ नुकसान

भूकंप का केंद्र झारखंड के खरसावां जिले से 13 किलोमीटर दूर पाया गया है। बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह 9:20 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए।

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झारखंड (jharkhand earthquake) की राजधानी रांची सहित आसपास के कई जिलों में शनिवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके झारखंड की राजधानी रांची के साथ-साथ जमशेदपुर, चाईबासा और खरसावां में भी महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.3 मापी गई है।

भूकंप का केंद्र झारखंड के खरसावां जिले से 13 किलोमीटर दूर पाया गया है। बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह 9:20 बजे भूकंप के झटके महसूस हुए। वहीं भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए और लोगों में हड़कंप मच गया। हालांकि भूकंप से किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। अभी तक किसी के भी हताहत होने की कोई सूचना नहीं मिली है।

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भारत में क्या हैं भूकंप के जोन
भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के कुल भूभाग के लगभग 59 फीसदी हिस्से को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है। वैज्ञानिकों ने भारत में भूकंप क्षेत्र को जोन-2, जोन-3, जोन-4 व जोन-5 यानी  4 भागों में विभाजित किया है। जोन-5 के इलाकों को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना जाता है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील माना जाता है। हमारे देश की राजधानी दिल्ली भूकंप के जोन-4 में आती है। यहां 7 से अधिक तीव्रता के भी भूकंप आ सकते हैं जिससे बड़ी तबाही हो सकती है।

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क्यों आता है भूकंप
दरअसल धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं जो समय-समय पर विस्थापित होती हैं. इस सिद्धांत को अंग्रेजी में प्लेट टैक्टॉनिकक और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी कहते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80 से 100 किलोमीटर मोटी होती है जिसे स्थल मंडल कहते हैं। पृथ्वी के इस भाग में कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें होती हैं जो तैरती रहती हैं।

सामान्य रूप से यह प्लेटें 10-40 मिलिमीटर प्रति वर्ष की गति से गतिशील रहती हैं। हालांकि इनमें कुछ की गति 160 मिलिमीटर प्रति वर्ष भी होती है। भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है।  भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है।

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