दिल्ली-NCR में सोमवार शाम 4.18 बजे एक बार फिर भूकंप (Earthquake In Delhi) के झटके महसूस किए गए हैं। इससे पहले 4 नवंबर को रात 11 बजकर 32 मिनट पर झटके महसूस किए गए थे। तब इसका असर दिल्ली-NCR, यूपी, बिहार, उत्तराखंड और हरियाणा समेत देश के कई हिस्सों में था। सोमवार शाम 4.18 बजे भी आए भूकंप की तीव्रता 5.8 दर्ज की गई। भूकंप का केंद्र एक बार फिर नेपाल था।
नेपाल में शुक्रवार देर रात 11:35 बजे 6.4 तीव्रता का भूकंप आया। इसका केंद्र नेपाल में काठमांडू से 331 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में 10 किलोमीटर जमीन के नीचे था। इसके झटके दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश, राजस्थान की राजधानी जयपुर, मध्य प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और बिहार की राजधानी पटना में भी महसूस किए गए। हालांकि कहीं से किसी प्रकार के नुकसान की जानकारी फिलहाल सामने नहीं आई है।
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क्यों आता है भूकंप
दरअसल धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं जो समय-समय पर विस्थापित होती हैं. इस सिद्धांत को अंग्रेजी में प्लेट टैक्टॉनिकक और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी कहते हैं। इस सिद्धांत के अनुसार पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80 से 100 किलोमीटर मोटी होती है जिसे स्थल मंडल कहते हैं। पृथ्वी के इस भाग में कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें होती हैं जो तैरती रहती हैं।
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सामान्य रूप से यह प्लेटें 10-40 मिलिमीटर प्रति वर्ष की गति से गतिशील रहती हैं। हालांकि इनमें कुछ की गति 160 मिलिमीटर प्रति वर्ष भी होती है। भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है।
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