दावा- ट्रम्प के सामने मोदी और भारत की छवि खराब करने के लिए उपद्रव की साजिश रची गई

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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) समर्थक और विरोधी गुटों के बीच हुई हिंसक झड़पों में हेड कॉन्सटेबल समेत 5 लोगों की मौत हो गई, 105 जख्मी हुए। दिल्ली पुलिस ने सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हिंसा को एक सुनियोजित साजिश बताया है। पुलिस के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भारत दौरे पर हैं। उनके दिल्ली पहुंचने से कुछ घंटे पहले ही राजधानी में हिंसा भड़की। विश्व पटल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारत की छवि खराब करने के इरादे से हिंसा की स्क्रिप्ट लिखी गई। इसका माहौल गुरुवार रात से ही बनाना शुरू कर दिया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक, शाहीन बाग में काफी दिनों से सुप्रीम कोर्ट के वार्ताकार लोगों से बात कर रहे थे। ऐसे में वहां शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन की इमेज बनाए रखने के लिए दूसरी जगहों पर हिंसक प्रदर्शन की पटकथा लिखी गई। स्पेशल ब्रांच सूत्रों की ओर से दावा किया गया है कि ट्रम्प की भारत यात्रा को लेकर पहले से ही अंदेशा था कि माहौल को जान-बूझकर खराब किया जा सकता है। पुलिस सूत्रों का कहना है इस हिंसक घटना के पीछे बाहरी शक्तियां शामिल हो सकती हैं। इन मंसूबों को पूरा करने के लिए कम उम्र के युवाओं को मोहरा बनाया गया।

पूर्वी दिल्ली के अलग-अलग इलाके में हुई हिंसक घटना को गृह मंत्रालय ने बेहद गंभीरता से लिया है। दिनभर हुए बवाल को लेकर पुलिस से लगातार जानकारी ली जाती रही। गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। सीनियर पुलिस अफसर मौके पर तैनात हैं। वहीं दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक कंट्रोल रुम से हालात का जायजा लेते रहे। वहीं से वे सीनियर पुलिस अधिकारियों को जरूरत के हिसाब से दिशा निर्देश भी लगातार देते रहे।

आपको बता दें, करावल नगर रोड स्थित शेरपुर चौक पर सोमवार सुबह से ही बड़ी संख्या में भीड़ जुट गई। एक तरफ सीएए के विरोधी, तो दूसरी तरफ समर्थक डटे हुए थे। बड़ी संख्या में पुलिस भी तैनात थी। डीसीपी नॉर्थ ईस्ट वेदप्रकाश सूर्या ने कहा था कि दोनों पक्षों से बात कर रहे हैं। उन्हें समझाया जा रहा है। हालांकि, लोग माने नहीं और आमने-सामने आ गए। इससे भी भयंकर हालात मौजपुर में देखने को मिले। लगभग 50 मीटर की दूरी पर दोनों गुटों के लोग नारेबाजी करते रहे। न केवल उपद्रवियों ने पुलिस के सामने तलवारें लहराईं बल्कि पथराव भी कर दिया।

यह सिलसिला चलता रहा और पुलिस उपद्रवियों को काबू कर पाने में विफल साबित हुई। मौजपुर में घरों से लोग पत्थरबाजी कर रहे थे। दूसरी ओर से भी पथराव हुआ तो कई घरों के शीशे टूट गए। कई दुकानों में तोड़फोड़ भी हुई। यही स्थिति बाबरपुर में भी रही, गोकुलपुरी टायर बाजार में आगजनी हुई। पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। बहुत से उपद्रवी ऐसे थे जो पहचान छिपाने के इरादे से मुंह को रूमाल से कवर किए हुए थे। इस पूरी हिंसा में एक हेड कॉस्टेबल की मौत और कई जख्मी हुए।

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