दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल (arvind Kejriwal ) ने बुधवार को मिडिल क्लास के लिए मैनिफेस्टो जारी किया। उन्होंने कहा- केंद्र में एक सरकार के बाद दूसरी सरकार आई, सबने मिडिल क्लास को डराकर दबाकर रखा हुआ है। मिडिल क्लास के लिए ये कुछ नहीं करते। केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मिडिल क्लास के लिए केंद्र सरकार से 7 मांगें रखीं..
केजरीवाल ने कहा- जब सरकार को इनकी जरूरत पड़ती है, तो सरकार टैक्स का हथियार चला देती है। बदले में मिडिल क्लास को क्या मिलता है, कुछ नहीं। मिडिल क्लास सरकार का ATM बनकर रह गया है। मिडिल क्लास टैक्स टेररिज्म का शिकार हो गया है। केजरीवाल ने कहा- आज मैं ऐलान करता हूं कि मैं और आम आदमी पार्टी सड़क से लेकर संसद तक मिडिल क्लास की आवाज उठाएंगे। बजट सत्र में हमारे सांसद मिडिल क्लास के लिए मांग करेंगे।
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केजरीवाल की केंद्र सरकार से 7 मांगें रखीं..
- आयकर छूट सीमा में बढ़ोतरी: आयकर छूट सीमा को ₹5 लाख से बढ़ाकर ₹10 लाख करने की मांग।
- महंगाई पर नियंत्रण: आवश्यक वस्तुओं जैसे गैस सिलेंडर, पेट्रोल, और डीजल की कीमतों में कमी।
- शिक्षा क्षेत्र में सुधार: मिडिल क्लास के बच्चों के लिए स्कूल और कॉलेज की फीस में कमी।
- स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार: सरकारी अस्पतालों में मिडिल क्लास के लिए मुफ्त इलाज की व्यवस्था।
- होम लोन पर ब्याज दर में कमी: होम लोन पर ब्याज दर को 5% तक सीमित करने की मांग।
- बिजली और पानी की सब्सिडी: मिडिल क्लास परिवारों को बिजली और पानी पर अतिरिक्त सब्सिडी देने का प्रस्ताव।
- रोज़गार के अवसर: मिडिल क्लास युवाओं के लिए नौकरी के नए अवसर पैदा करने की मांग।
केजरीवाल ने कहा- ये वो लोग हैं, जो हमारा देश चलाते हैं। इनके क्या सपने होते हैं? अच्छी नौकरी या बिजनेस, अपना घर, अच्छी शिक्षा, परिवार स्वस्थ रहे। एक आम मिडिल क्लास आदमी इन सबके लिए दिन-रात मेहनत करता है। अधिकतर सरकारें न अच्छे स्कूल बना रही हैं, न अस्पताल बना रही हैं और रोजगार-सुरक्षा भी नहीं दे पा रही हैं। कोई ऐसा देश नहीं है, जिसे इतना परेशान किया जा रहा हो।
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केजरीवाल आगे बोले- अब दूध, पॉपकॉर्न और पूजा के सामान पर टैक्स है। घर लेना हो तो टैक्स, बेचो तो टैक्स। गाड़ी खरीदो तो टैक्स बेचो तो टैक्स। जीते जी तो टैक्स देना पड़ता है, मरने के बाद भी देना पड़ता है। आज एक यंग मिडिल क्लास कपल उसके लिए फैमिली प्लानिंग एक फाइनेंशियल डिसीजन बन गया है। परवरिश अफोर्ड करने के बारे में सोचना पड़ता है।
बता दें, दिल्ली की 70 सीटों पर 5 फरवरी को वोटिंग होगी, जबकि 8 फरवरी को रिजल्ट आएंगे। इस बार के चुनाव में कुल 699 उम्मीदवार 70 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। 20 जनवरी को नाम वापस लेने की अंतिम तिथि थी।
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