दिल्ली विधानसभा (Delhi Election) की 70 सीटों के लिए दोपहर 1 बजे तक 33.31% वोटिंग हो चुकी है। सबसे ज्यादा 39.51% मतदान नार्थ-ईस्ट दिल्ली में हुआ। यह भाजपा सांसद मनोज तिवारी का संसदीय क्षेत्र है। वहीं सबसे कम मतदान सेंट्रल दिल्ली में 29.74 प्रतिशत हुआ है। वहीं मुस्तफाबाद सीट पर सबसे ज्यादा 43 प्रतिशत वोटिंग हुई है. वहीं सबसे कम 25.01 प्रतिशत वोटिंग करोल बाग में हुई है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, LG वीके सक्सेना, विदेश मंत्री एस जयशंकर, मुख्यमंत्री आतिशी और राहुल गांधी वोट डाल चुके हैं। इसके अलावा प्रियंका गांधी ने मां सोनिया और पति- बेटे के साथ वोट डाला। अरविंद केजरीवाल अपने माता-पिता को व्हीलचेयर पर लेकर वोट डालने पहुंचे।
दूसरी ओर, दिल्ली में वोटिंग के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और केंद्रीय मंत्री हर्ष मल्होत्रा भाजपा मुख्यालय पहुंचे। भाजपा के कई नेताओं ने वोट डाला और विश्वास जताया कि दिल्ली में भाजपा जीत रही है। दिल्ली में भी डबल इंजन सरकार बनेगी।
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दिल्ली विधानसभा चुनाव में कहां कितना वोट प्रतिशत
सेंट्रल दिल्ली: 29.74
पूर्वी दिल्ली: 33.66
नई दिल्ली: 29.89
उत्तर दिल्ली: 32.44
उत्तर पूर्वी दिल्ली: 39.51
उत्तर पश्चिमी दिल्ली: 33.17
शाहदरा: 35.81
दक्षिण दिल्ली: 32.67
दक्षिण पूर्वी दिल्ली: 32.27
दक्षिण पश्चिमी दिल्ली: 35.44
पश्चिमी दिल्ली: 30.87
क्या-क्या लगे अभी तक आरोप
भाजपा ने आरोप लगाया है कि सीलमपुर में बुर्के में महिलाओं से फर्जी मतदान करवाया जा रहा है। इस दौरान आप और भाजपा समर्थक एक-दूसरे से भिड़ गए। जिससे हंगामा होने लगा। BLO ने माना कि किसी और के नाम पर दूसरे लोग वोट डाल गए। हालांकि दिल्ली पुलिस ने जांच में कहा कि, नाम एक जैसे होने की वजह से कंफ्यूजन हुआ।
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इसके बाद यहां पुलिस जांच कर रही है। AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि नॉर्थ एवेन्यू एन ब्लॉक में 2000-3000 रुपये बांटे गए और लोगों की उंगलियों पर स्याही लगाई गई। यह सब चुनाव आयोग की नाक के नीचे हो रहा है।
वहीं इसी बीच पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने वोट डालने के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारा लोकतंत्र मजबूत है और लोग अपनी जिम्मेदारियों से अवगत हैं। वे जानते हैं कि उन्हें किस तरह से अपना वोट डालना है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से बार-बार EVM की वैधता को बरकरार रखा गया है। मुझे लगता है कि हमें इसे स्वीकार करना चाहिए, यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है।’
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