दिल्ली-NCR की हवा बनी खतरनाक, AQI 504 पहुंचा, जानिए AQI और PM लेवल क्या है?

0
167

दिल्ली-NCR की हवा लगातार जहरीली (Delhi Air Pollution) होती जा रही है। शनिवार 4 नवंबर को भी हवा का स्तर ‘गंभीर’ कैटेगरी में बना हुआ है। यह क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 504 रहा। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र से इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है। दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक कि घर से बाहर निकलने पर आपको सांस से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

इसकी भयावहता को देखते हुए कई स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। हवा की गुणवत्ता को AQI से मापा जाता है। कई लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिरकार ये AQI होता क्या है।

हमारे साथ व्हाट्सऐप पर जुड़ने के लिए क्लिक करें (We’re now on WhatsApp, Click to join)

AQI क्या होता है?
AQI का मतलब है Air Quality Index, जिसे हिंदी में वायु गुणवत्ता सूचकांक कहा जाता है। ये ऐसा नंबर होता है जिससे हवा की गुणवत्ता पता लगाया जाता है। इससे भविष्य में होने वाले वायु प्रदूषण का भी अंदाज हो जाता है। जिससे कि आने वाले खतरों की पहचान कर इसे कम करने की ओर कदम बढ़ाया जा सके।

ये भी पढ़ें: JEE Main के सिलेबस से हटाए गए कई टॉपिक देखें लिस्ट, जानें कब होंगे एग्जाम

AQI की शुरुआत कैसे हुई?
दुनिया के हर देश में ही अब AQI मापा जाने लगा है। हालांकि हर जगह इसका तरीका अलग है। भारत में AQI को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज ने लांच किया।

ये भी पढ़ें: एल्विश यादव का सिस्टम हिला..सांपों की तस्करी लगा आरोप, 5 गिरफ्तार, देखें VIDEO शेयर कर क्या कहा?

AQI की कितनी कैटेगरी हैं?
देश में AQI को स्तर और रीडिंग के हिसाब से 06 कैटेगरी में बांटा गया है। जिसमें 0-50 के बीच AQI का मतलब शुद्ध वायु से है। ऐसे ही 51-100 के बीच वायु की शुद्धता संतोषजनक मानी जाती है। अगर ये 101-200 के बीच हो तो ये मध्यम माना जाता है। 201-300 के बीच हवा खराब मानी जाती है। ये नंबर अगर 301-400 के बीच हों तो ये बेहद खराब माना जाता है। जबकि 401 से 500 के बीच के नंबर को गंभीर श्रेणी में रखा गया है।

ये भी पढ़ें: जहरीली हुई दिल्ली, AQI 400 पार, राजधानी की तस्वीर देख दंग रह जाएंगे आप

कैसे तय होता है AQI?
08 प्रदूषण कारकों के आधार पर तय होने वाले AQI में PM10, PM 2.5, NO2, SO2, CO2, O3, और NH3 Pb होते हैं। 24 घंटे में इन कारकों की मात्रा ही हवा की गुणवत्ता तय करती है। इनमें SO2 का मतलब सल्फर ऑक्साइड, ये कोयले और तेल के जलने उत्सर्जित होती है, जो हमारे शहरों में प्रचुर मात्रा में है। वहीं CO2 यानि कार्बन ऑक्साइड रंगीन होता है, इसमें गंध होती है, ये जहरीला होता है। प्राकृतिक गैस, कोयला या लकड़ी जैसे ईंधन के अधूरे जलने से उत्पन्न होता है. गाड़ियों से होने वाला उत्सर्जन कार्बन ऑक्साइड का एक प्रमुख स्रोत है। NO2 का मतलब नाइट्रोजन ऑक्साइड, जो उच्च ताप पर दहन से पैदा होती है। इसे निचली हवा की धुंध या ऊपर भूरे रंग के रूप में देखी जा सकती है।

ये भी पढ़ें: बिग बॉस OTT-2 विनर एल्विश का विवादों से है पुराना नाता…जानिए कितनी संपत्ति के है मालिक

आपको बता दें, हवा की क्वालिटी खराब होने पर कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 3 नवंबर को दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के थर्ड स्टेज को लागू कर दिया। GRAP का स्टेज III तब लागू किया जाता है, जब AQI 401-450 की सीमा में गंभीर हो जाता है। इसके चलते गैर-जरूरी निर्माण-तोड़फोड़ और रेस्टोरेंट में कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर सरकार ने 20 हजार रुपए चालान काटने का निर्देश दिया है।

 ताजा अपडेट्स के लिए आप पञ्चदूत मोबाइल ऐप डाउनलोड कर सकते हैंऐप को इंस्टॉल करने के लिए यहां क्लिक करें.. इसके अलावा आप हमें फेसबुकट्विटरइंस्ट्राग्राम और यूट्यूब चैनल पर फॉलो कर सकते हैं।