दिल्ली-NCR की हवा लगातार जहरीली (Delhi Air Pollution) होती जा रही है। शनिवार 4 नवंबर को भी हवा का स्तर ‘गंभीर’ कैटेगरी में बना हुआ है। यह क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 504 रहा। दिल्ली सरकार ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर केंद्र से इमरजेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की है। दिल्ली की हवा इतनी खतरनाक कि घर से बाहर निकलने पर आपको सांस से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
इसकी भयावहता को देखते हुए कई स्कूलों को कुछ दिनों के लिए बंद रखने के आदेश दिए गए हैं। हवा की गुणवत्ता को AQI से मापा जाता है। कई लोगों को इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि आखिरकार ये AQI होता क्या है।
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AQI क्या होता है?
AQI का मतलब है Air Quality Index, जिसे हिंदी में वायु गुणवत्ता सूचकांक कहा जाता है। ये ऐसा नंबर होता है जिससे हवा की गुणवत्ता पता लगाया जाता है। इससे भविष्य में होने वाले वायु प्रदूषण का भी अंदाज हो जाता है। जिससे कि आने वाले खतरों की पहचान कर इसे कम करने की ओर कदम बढ़ाया जा सके।
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#WATCH | Delhi | ANI drone camera footage from the Signature Bridge shows a thick layer of haze in the air. Visuals shot at 7:45 am today.
The air quality in Delhi continues to be in ‘Severe’ category as per CPCB (Central Pollution Control Board). pic.twitter.com/2VlcdHUVA1
— ANI (@ANI) November 4, 2023
AQI की शुरुआत कैसे हुई?
दुनिया के हर देश में ही अब AQI मापा जाने लगा है। हालांकि हर जगह इसका तरीका अलग है। भारत में AQI को मिनिस्ट्री ऑफ एनवायरमेंट, फॉरेस्ट और क्लाइमेट चेंज ने लांच किया।
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AQI की कितनी कैटेगरी हैं?
देश में AQI को स्तर और रीडिंग के हिसाब से 06 कैटेगरी में बांटा गया है। जिसमें 0-50 के बीच AQI का मतलब शुद्ध वायु से है। ऐसे ही 51-100 के बीच वायु की शुद्धता संतोषजनक मानी जाती है। अगर ये 101-200 के बीच हो तो ये मध्यम माना जाता है। 201-300 के बीच हवा खराब मानी जाती है। ये नंबर अगर 301-400 के बीच हों तो ये बेहद खराब माना जाता है। जबकि 401 से 500 के बीच के नंबर को गंभीर श्रेणी में रखा गया है।
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कैसे तय होता है AQI?
08 प्रदूषण कारकों के आधार पर तय होने वाले AQI में PM10, PM 2.5, NO2, SO2, CO2, O3, और NH3 Pb होते हैं। 24 घंटे में इन कारकों की मात्रा ही हवा की गुणवत्ता तय करती है। इनमें SO2 का मतलब सल्फर ऑक्साइड, ये कोयले और तेल के जलने उत्सर्जित होती है, जो हमारे शहरों में प्रचुर मात्रा में है। वहीं CO2 यानि कार्बन ऑक्साइड रंगीन होता है, इसमें गंध होती है, ये जहरीला होता है। प्राकृतिक गैस, कोयला या लकड़ी जैसे ईंधन के अधूरे जलने से उत्पन्न होता है. गाड़ियों से होने वाला उत्सर्जन कार्बन ऑक्साइड का एक प्रमुख स्रोत है। NO2 का मतलब नाइट्रोजन ऑक्साइड, जो उच्च ताप पर दहन से पैदा होती है। इसे निचली हवा की धुंध या ऊपर भूरे रंग के रूप में देखी जा सकती है।
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आपको बता दें, हवा की क्वालिटी खराब होने पर कमीशन फॉर एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने 3 नवंबर को दिल्ली-NCR में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के थर्ड स्टेज को लागू कर दिया। GRAP का स्टेज III तब लागू किया जाता है, जब AQI 401-450 की सीमा में गंभीर हो जाता है। इसके चलते गैर-जरूरी निर्माण-तोड़फोड़ और रेस्टोरेंट में कोयले के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल चार पहिया वाहनों के इस्तेमाल पर सरकार ने 20 हजार रुपए चालान काटने का निर्देश दिया है।
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