ओडिशा-बंगाल में चक्रवाती तूफान दाना का भारी असर, स्पीड 110 से घटकर 10kmph हुई, जानें अबतक का पूरा अपडेट

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बंगाल की खाड़ी से उठा चक्रवाती तूफान ‘दाना’ (Cyclone Dana) गुरुवार रात 12:05 बजे ओडिशा के तट से 110kmph की रफ्तार से टकराया। सुबह करीब 8:30 बजे तूफान की लैंडफॉल प्रोसेस खत्म हुई। 8:30 घंटे में तूफान की रफ्तार घटकर 10kmph हो गई। ‘दाना’ के असर से ओडिशा में लगातार बारिश हो रही है।

बात करें, पश्चिम बंगाल की यहां चक्रवाती तूफान दाना के लैंडफॉल होते ही तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। राजधानी कोलकाता समेत कई जिलों में तेज बारिश देखी जा रही है। पूर्व मेदिनीपुर जिले में शुक्रवार तड़के भीषण चक्रवाती तूफान दाना के पहुंचने के बाद 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है। समुद्री तट पर ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। चक्रवाती तूफान का असर बस, रेल और फ्लाइट सेवाओं पर भी पड़ा है। कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उड़ानें प्रभावित हैं।

पश्चिम बंगाल में 3.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगह भेजा गया है। तूफान की वजह से बंगाल और ओडिशा में 300 फ्लाइट्स और 552 ट्रेनें रद्द की गई हैं। CM मोहन चरण माझी ने कहा- 5.84 लाख लोगों को रिलीफ कैंप में शिफ्ट किया है। कई इलाकों में पेड़ उखड़े, गाड़ियां भी डैमेज हुईं।


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फ्लाइट सेवा शुरु
कोलकाता और भुवनेश्वर एयरपोर्ट पर फ्लाइट ऑपरेशन शुरू हो गया है। कोलकाता से पहली फ्लाइट सुबह 8.40 बजे रवाना हुई। वहीं, रेलवे ने कहा कि कैंसिल ट्रेनों को छोड़ दें तो ओडिशा और पश्चिम बंगाल जाने वाली बाकी ट्रेनें शेड्यूल के हिसाब से चलेंगी। भुवनेश्वर और कोलकाता एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम 5 बजे से शुक्रवार सुबह 8 बजे तक 300 फ्लाइट्स कैंसिल रहीं। वहीं, साउथ ईस्ट रेलवे, ईस्ट कोस्ट रेलवे, ईस्टर्न रेलवे और साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे की 552 ट्रेनें रद्द की गईं।

पेड़ उखड़े, बिजली के तार टूटे
पश्चिम बंगाल के पूर्वी मेदिनीपुर में चक्रवात का सबसे ज़्यादा असर देखने को मिल रहा है और दीघा जैसी जगहों पर भारी बारिश हुई है। बिजली के तार टूटने से कई सेवाएं ठप पड़ गई। वहीं कई जगहों पर पेड़ उखड़ गए। अधिकारी अलर्ट पर हैं और सुबह अधिकारी हवाओं और भारी बारिश के कारण हुए नुकसान का आकलन करना शुरू कर देंगे।

दाना ने इन राज्यों को किया प्रभावित
ओडिशा के अलावा तूफान का असर पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु में भी देखने को मिला। पश्चिम बंगाल सरकार ने 83 हजार लोगों को रिलीफ कैंप में पहुंचाया।

क्या हैं चक्रवाती तूफान?
चक्रवाती तूफान एक बड़े पैमाने की मौसमी घटना है जो उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में होती है। इसे उष्णकटिबंधीय चक्रवात भी कहा जाता है। यह एक निम्न दबाव का क्षेत्र होता है जिसके चारों ओर तेज हवाएं घूमती हैं। चक्रवाती तूफान बहुत बड़े क्षेत्र को प्रभावित करते हैं और काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

कैसे बनते हैं चक्रवाती तूफान?
बता दें चक्रवाती तूफान गर्म समुद्र के पानी के ऊपर बनते हैं। जब समुद्र का पानी गर्म होता हैतो उससे वाष्प बनती है जो ऊपर उठती है और एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनाती है। यह निम्न दबाव का क्षेत्र आसपास की हवा को अपनी ओर खींचता है और एक चक्रवात का निर्माण होता है।

हालांकि चक्रवाती तूफान बहुत विनाशकारी हो सकते हैं। वो तेज हवाएंभारी बारिशतूफानी लहरें और बाढ़ का कारण बन सकते हैं। ये तूफान घरोंइमारतोंफसलों और बुनियादी ढांचे को नष्ट कर सकते हैं। इसके अलावाये तूफान जानमाल के नुकसान का भी कारण बन सकते हैं।  

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