लड़कियों की ये 4 आदतें COVID-19 का बढ़ा सकती हैं खतरा, जानें क्या है इसके उपाय

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लाइफस्टाइल डेस्क: हाथ धोना, मास्क पहना, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना, लोगों से दूरी रखना, बाहर ना निकला तमाम ऐसी सावधानियां जो आजकल हम सब कोरोना वायरस (COVID-19) से निपटने के लिए कर रहे हैं लेकिन क्या ये काफी है? अब आप सोचेंगे की ऐसे में हम और क्या कर सकते हैं।

इसका जवाब है अपनी कुछ रोजमर्रा की आदतों को हमेशा के लिए भूल जाना जरूरी है। दरअसल हमारी कुछ ऐसी बुरी आदतें हैं जो हमें कभी बुरी लगी नहीं लेकिन अब यदि इन्हें सुधारा नहीं गया तो कोरोना वायरस को फैलाने और उसके लक्षणों का बढ़ाने का काम कर सकती हैं। यहां हम केवल महिलाओं की आदतों की बात नहीं करेंगे इसमें हर व्यक्ति शामिल है।

लंबे नाखून हैं तो 20 सेकंड हाथ धोना भी बेकार
डॉक्टर्स मानते हैं कि नाखून भी वायरस का घर हो सकते हैं। खासतौर पर लंबे और नेलपॉलिश वाले नाखून। ये आदत लड़कियों (महिलाओं) में ज्यादा देखी जाती है। अगर लंबे नाखून हैं तो आपका 20 सेकंड हाथ धोना भी बेकार जा सकता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक दरअसल कोरोना वायरस की साइज लगभग 125 नैनोमीटर है। इतने आकार का वायरस नाखून के अंदर और यहां तक कि उखड़ते हुए नेल पॉलिश की दरारों में भी रह सकता है। यहां से खाना खाते समय या चेहरे को छूने से वायरस आपके शरीर के अंदर भी जा सकता है। इसके अलावा वायरस नाखूनों से निकलकर विभिन्न सतहों पर भी फैल सकता है। इसके अलावा कई लोगों को नाखून चबाने की भी आदत होती है।

पिंपल्स फोड़ना:
पिंपल्स फोड़ना यानी चेहरे को हाथ लगाना। इससे कोरोना वायरस के फैलने की आशंका बढ़ सकती है। ये आदत पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा देखी जाती है। इसलिए जितना जल्दी हो सके इस आदत पर काबू पाएं।

बालों में बार-बार हाथ फेरना:
वायरस के कुछ मिनट से लेकर कुछ घंटों तक बालों में रह सकता है। हाथ फेरने पर यह बालों से हाथ और फिर चेहरे तक जा सकता है। इसी तरह दाढ़ी में हाथ फेरना भी घातक हो सकता है। यही वजह है कि यूके में स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े पुरुषों को क्लीन शेव में रहने की सलाह दी जा रही है।

नाखून से दांत साफ करना:
जैसा कि बताया गया है कि नाखून भी वायरस का संक्रमण फैला सकते हैं, इसलिए इनसे दांत साफ करने की आदत से बचना चाहिए। आप चाहें तो प्लॉस इस्तेमाल कर सकते हैं।

शराब और सिगरेट पीना:
शराब को शरीर की रोगप्रतिरोधी क्षमता को कम करने वाला माना जाता है। ऐसी अफवाहें भी चल रही हैं कि एल्कोहल पीने से या शरीर पर छिड़कने से कोरोना से बचा जा सकता है। डब्ल्यूएचओ बता चुका है कि ये अफवाहें गलत हैं। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (एनसीबीआई) के मुताबिक शराब का ज्यादा सेवन न्यूमोनिया की आशंका बढ़ाता है।

डॉक्टर्स की राय: फेफड़ों में सिलिया नाम का एक हिस्सा होता है, जो सांस लेने के लिए हवा का रास्ता साफ रखता है और उसे म्यूकस व धूल से बचाता है। शराब इसे नुकसान पहुंचाती है। संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सिगरेट पीने से तंबाकू एस2 नाम का ऐसा एंजाइम बढ़ाता है, जो कोविड-19 वायरस को फेफड़ों के सेल्स से चिपकने में मदद कर सकता है। जिससे सांस लेने में तकलीफ बढ़ती है।

नींद नहीं आना:
वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी का एक अध्ययन साबित कर चुका है कि नींद की कमी इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकी हैं। वहीं यूके के नेशनल हेल्थ सर्विस का एक अध्ययन भी बताता है कि 7 घंटे से ज्यादा सोने वालों की तुलना में 5 घंटे से कम सोने वालों में जुकाम होने की आशंका 4.5 गुना ज्यादा है।

डॉक्टर्स की राय:  लॉकडाउन के दौरान भी अपना बेडटाइम न बदलें। कैफीन (कॉफी), एल्कोहल और सोने से तुरंत पहले खाने से बचें। बिस्तर पर लेटने से पहले टीवी और मोबाइल जैसी स्क्रीन्स से दूरी बना लें।

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