COVID-19: गले और फेफड़े के बाद अब दिमाग तक पहुंचा जानलेवा वायरस, नए लक्षण आए सामने

दुनियाभर के न्यूरोलॉजिस्ट पुष्टि कर रहे हैं कि कोरोना से पीड़ित मरीजों में से एक तबका ऐसा भी है जिसमें संक्रमण का असर उनके दिमाग पर भी पड़ रहा है। एक्सपर्ट ने इसे ब्रेन डिसफंक्शन का नाम दिया है।

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विश्व डेस्क: कोरोनावायरस के कारण अबतक दुनियाभर में 1 लाख से ज्यादा व्यक्तियों की मौत हो गई लेकिन इस वायरस का तोड़ अभीतक वैज्ञानिक और डॉक्टर नहीं निकाल पाए। आए दिन कोविड-19 (कोरोना) को लेकर नई जानकारियां और शोध सामने आ रहे हैं और इनसे पता चला है के मरीजों में इस रोग के लक्षण तेजी से बदल रहे हैं।

गला, फेफड़ा और दिमाग के बाद इसका असर पेट पर दिख रहा है। चीन से मिले आंकड़ों के अनुसार 50 फीसदी कोरोना मरीजों में पेट में दर्द, उल्टी और डायरिया जैसे लक्षण देखे गए हैं। अमेरिका के कई न्यूरोलॉजिस्ट्स का कहना है अब कोरोना दिमाग तक भी पहुंच गया है। बुखार के बाद अब दिमागी सूजन और सिरदर्द के मामले बढ़ रहे हैं।

अमेरिकन जर्नल ऑफ गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक, चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना के 204 मरीजों पर हुई रिसर्च में इसकी पुष्टि हुई है। आमतौर पर कोरोना के मरीजों में बुखार, सांस लेने में दिक्कत, सूखी खांसी जैसे लक्षण दिखते हैं। हालिया रिसर्च के नतीजे बताते हैं कि गंध न सूंघ पाना और खाने का स्वाद न महसूस कर पाना भी इसका एक लक्षण है।

रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिण कोरिया में कोरोना से पीड़ित  30 फीसदी लोगों ने गंध को न सूंघ पाना सबसे प्रमुख लक्षण था। बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ के अलावा यह भी एक अहम लक्षण है, जो संक्रमण पहचानने में मददगार साबित हो सकता है। ऐसी ही रिपोर्ट अमेरिकन एकेडमी ऑफ ओटोलैरेंगोलॉजी ने भी हाल ही में जारी की है।अमेरिकन एकेडमी की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे लक्षण दिखने पर बिना देरी किए डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए।

इन दो केसों से हुआ कोरोना के नए लक्षणों का खुलासा
दुनियाभर के न्यूरोलॉजिस्ट पुष्टि कर रहे हैं कि कोरोना से पीड़ित मरीजों में से एक तबका ऐसा भी है जिसमें संक्रमण का असर उनके दिमाग पर भी पड़ रहा है। एक्सपर्ट ने इसे ब्रेन डिसफंक्शन का नाम दिया है। संक्रमण का असर मरीज के बोलने की क्षमता पर पड़ रहा है और दिमाग में सूजन के कारण सिरदर्द बढ़ रहा है। ऐसे कई दुर्लभ मामले सामने आ रहे हैं। इनके अलावा गंध सूंघने और अलग-अलग स्वाद को पहचाने की क्षमता भी घट रही है।

अपना नाम तक नहीं बता पाई मरीज:
अमेरिका के मिशिगन में करीब 50 साल की एक महिला एयरलाइनकर्मी को कोरोना का संक्रमण हुआ। उसे कुछ नहीं समझ नहीं आ रहा था, उसने डॉक्टर को सिरदर्द होने की समस्या बताई। बमुश्किल वह डॉक्टर को अपना नाम बता पाई। जब ब्रेन स्कैनिंग की गई तो सामने आया कि दिमाग के कई हिस्सों अलग तरह की सूजन है। दिमाग के एक हिस्से की कुछ कोशिकाएं डैमेज होकर खत्म हो गई थीं।

दिमाग में खून के थक्के जमे:
इटली की ब्रेसिका यूनिवर्सिटी के हॉस्पिटल से जुड़े डॉ. एलेसेंड्रो पेडोवानी के मुताबिक, कोरोना के मरीजों में ऐसा ही बदलाव इटली और दुनिया के दूसरे हिस्से डॉक्टरों ने भी नोटिस किया। इसमें ब्रेन स्ट्रोक, दिमागी दौरे, एन्सेफेलाइटिस के लक्षण, दिमाग में खून के थक्के जमना, सुन्न हो जाना जैसी स्थिति शामिल हैं। कुछ मामलों में कोरोना का मरीज बुखार और सांस में तकलीफ जैसे लक्षण दिखने से पहले ही बेसुध हो जाता है।


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