नई दिल्ली : कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉनके खतरे के बीच जीनोमिक विविधताओं की निगरानी रखने वाले 28 लैब्स के कंसोर्टियम ने केंद्र सरकार से 40 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर डोज देने की बात कही है। INSACOG ने साप्ताहिक बुलेटिन में कहा है, सभी अनवैक्सीनेटेड लोगों को वैक्सीन और 40 वर्ष और इससे अधिक उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगाने पर विचार किया जा सकता है. सबसे पहले अधिक जोखिम और हाई एक्सपोजर वाले लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि भारत में अब तक ओमिक्रॉन वेरिएंट के दो केस रिपोर्ट हुए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने गुरुवार को कर्नाटक में दो ओमिक्रॉन मामलों की पुष्टि करते हुए बताया था कि कॉन्टैक्ट को आइडेंटिफाई कर लिया गया है। इन दोनों में मामूली लक्षण है।
दुनिया में इस वेरिएंट के अब तक जितने मामले आए हैं, उसमें सीरियस लक्षण नहीं हैं। कोरोना वेरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने कहा है कि जिन टूल्स का इस्तेमाल हमने कोरोना महामारी में इस्तेमाल किया है, वही हमें करना होगा।
हॉस्पिटल इंफ्रा को भी चिन्हित किया गया है। ये नई चुनौती है. हम मामले को पकड़ पाए यानी सिस्टम काम कर रहा है। मास्क यूनिवर्सल वैक्सीन की तरह है, इसे लेकर लापरवाही न बरतें। यह तमाम वेरिएंट को रोकता है। वैक्सीन के दोनों डोज में देर न करें। इसके साथ ही हवादार माहौल में रहें। उन्होंने कहा कि डरने की जरूरत नहीं है लेकिन जिम्मेदारी दिखाते हुए सजग रहना होगा। इस नई चुनौती का भी सामना करेंगे।
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