नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में खेद जताया है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट राफेल डील के लीक दस्तावेजों को सबूत मानकर मामले की दोबारा सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी।
इस पर राहुल ने चुनावी रैली में कहा था कि कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने ही चोरी की है। इस पर भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस मामले में सुनवाई करेगा।
सुनवाई से पहले राहुल ने जवाब में कहा कि उन्होंने यह बयान चुनाव अभियान के गर्म माहौल में दिया था और उनके बयानों को राजनीतिक विरोधियों ने गलत तरह से इस्तेमाल किया। राहुल ने कहा कि उन्होंने यह बयान चुनाव अभियान के गर्म माहौल में दिया था और उनके बयानों को राजनीतिक विरोधियों ने गलत तरह से इस्तेमाल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री खुद भी राफेल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार के लिए क्लीन चिट बताते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई थी पुनर्विचार याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने 14 दिसंबर 2018 के फैसले में राफेल डील को तय प्रक्रिया के तहत होना बताया था। अदालत ने उस वक्त डील को चुनौती देने वाली सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने डील के दस्तावेजों के आधार पर इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं दायर की थीं। इनमें कुछ गोपनीय दस्तावेजों की फोटो कॉपी लगाई गई थीं।
इस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने केंद्र की ओर से आपत्ति दर्ज कराई थी थी। उन्होंने कहा था कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के तहत विशेषाधिकार वाले गोपनीय दस्तावेजों की प्रतियों को पुनर्विचार याचिका का आधार नहीं बनाया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी यह दलील खारिज कर दी थी।
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