Congress President Election: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए 24 साल बाद आज वोटिंग हो रही है। इस पद के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) के बीच मुकाबला है। पार्टी के 137 साल के इतिहास में छठी बार चुनावी मुकाबले में एआईसीसी मुख्यालय और देश भर के 68 मतदान केंद्रों पर मतदान जारी है। थरूर जहां केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित प्रदेश कांग्रेस दफ्तर में वोट डालेंगे, वहीं मल्लिकार्जुन खरगे बेंगलुरु में कर्नाटक कांग्रेस के दफ्तर में मतदान करेंगे।
मल्लिकार्जुन खड़गे का अध्यक्ष बनना तय
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शुरुआत में माना जा रहा था कि गांधी परिवार के करीबी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस अध्यक्ष बनना तय है, लेकिन मुख्यमंत्री पद न छोड़ने की उनकी मंशा के कारण ये नहीं हो सका। उनके बाद मध्य प्रदेश के पूर्व CM दिग्विजय सिंह का नाम भी खूब चला।
नामांकन की आखिरी तारीख 30 सितंबर को शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे ने नामांकन दाखिल किया। मल्लिकार्जुन खड़गे के नामांकन में कांग्रेस के सभी प्रमुख नेता शामिल हुए थे, इससे यह मैसेज गया कि खड़गे गांधी परिवार के प्रत्याशी हैं।
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शशि थरूर के लिए नियमों में हुआ बदलाव-
वोटिंग से पहले शशि थरूर के लिए चुनाव के नियमों में बदलाव किया गया है। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि थरूर को राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में पोलिंग एजेंट्स नहीं मिले। माना जा रहा है कि इन राज्यों में थरूर को वोट मिलना भी मुश्किल है। इसी के बाद पार्टी ने किसी कार्यकर्ता को पोलिंग एजेंट बनाने की हरी झंडी दे दी है। कांग्रेस संविधान के मुताबिक वोट डालने वाले डेलिगेट्स ही पोलिंग एजेंट होते हैं।
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खडगे और थरुर में कौन कितना मजबूत-
ये सामान्य बात है कि खरगे के पास पार्टी का समर्थन है। वहीं कई बार शशि थरुर पार्टी के रवैये पर सवाल उठा चुके हैं। जहां शशि थरुर युवाओं में चर्चित चेहरा है तो खरगे के पास अनुभव है। मल्लिकार्जुन खरगे गांधी परिवार के करीबी तो हैं हीं, विपक्ष के अन्य नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध हैं। खरगे का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी जैसे विपक्ष के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं।
थरूर के मुकाबले मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ज्यादा कांग्रेसी नेता खड़े दिखाई दे रहे हैं। खासतौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का साथ खरगे को मिला हुआ है। कहा जाता है कि खरगे को पार्टी की तरफ से पूरा समर्थन दिया गया है। गांधी परिवार भी खरगे को ही अध्यक्ष बनाना चाहता है।
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