नासा ने ली चंद्रयान-2 के लैंडिंग साइट की तस्वीर, जल्द अच्छी खबर आने की उम्मीद

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चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की समय सीमा 21 सितंबर को समाप्त हो रही है। इसी बीच खबर आई है कि नासा के मून आर्बिटर ने चांद के उस जगह की तस्वीरें ली हैं जहां से चंद्रयान-2 से भारत का संपर्क टूट गया था। लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने एक बयान के जरिये यह दावा किया है कि ऑर्बिटर के कैमरे ने तस्वीरें ली हैं।

उन्होंने कहा, LRO की टीम इन तस्वीरों की पुरानी तस्वीरों से तुलना करेगी और उनका विश्लेषण करेगी कि लैंडर दिखाई दे रहा है या नहीं। यह तस्वीरें तब ली गईं जब ऑर्बिटर चांद के दक्षिणी ध्रुव से गुजर रहा था। उस वक्त वहां अंधेरा होना शुरू हो गया था। स्पष्ट है कि वे तस्वीरें धुंधली होंगी।

आपको बताते चले, भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का कहना है कि लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान को चांद की सतह पर पहुंचने के बाद सिर्फ 14 दिनों तक काम कर सकता था। क्यों इसकी उम्र 14 दिन के बराबर थी। जहां पर बिक्रम लैंडर से संपर्क टूटा है, चांद के उस हिस्से में फिलहाल शाम है।

21 सितंबर के बाद वहां सूरज की रोशनी नहीं पड़ेगी और रात हो जाएगी। चांद पर रातें बहुत ठंडी होती हैं। रात के दौरान इस हिस्से का तापमान घटकर माइनस 200 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है। विक्रम लैंडर के इलेक्ट्रॉनिक पुर्जे इस हिसाब से डिजाइन नहीं हैं कि इस तापमान में खुद को चालू रख पाएं। इसलिए अब अगर अगले दिन में विक्रम से संपर्क स्थापित नहीं हो पाया तो इसकी संभावना हमेशा के लिए खत्म हो जाएगी। फिलहाल 2-3 दिन और उम्मीद बनी रहेगी।

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