क्या सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी के दिन पूरे हो गए?

सेंसर बोर्ड के नए अध्यक्ष के लिए प्रकाश झा और चंद्र प्रकाश द्विवेदी के नाम पर विचार किया जा रहा है

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मुम्बई: अक्सर विवादों में घिरे रहने वाले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सेंसर बोर्ड) के अध्यक्ष पहलाज निहलानी को पद से हटाया जा सकता है। सूत्रों के हवाले से द टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पहलाज निहलानी को इस बारे में संकेत दे दिया है। इस बारे में अभी तक पहलाज निहलानी की प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, उन्होंने 28 जुलाई को तिरुवनंतरपुरम में सेंसर बोर्ड के सदस्यों की बैठक बुलाई है।

रिपोर्ट के मुताबिक पहलाज निहालानी की जगह लेने के लिए जिन नामों पर विचार चल रहा है, उनमें ‘लिपस्टिक अंडर माय बुर्का’ के निर्माता प्रकाश झा और टीवी-प्रोड्यूसर चंद्र प्रकाश द्विवेदी का नाम सबसे आगे है। इसकी वजह दोनों व्यक्तियों का सरकार के साथ अच्छा रिश्ता होना है। इसके अलावा मधुर भंडारकर का नाम भी चर्चा में है, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर फिल्म ‘इंदु सरकार’ बनाई है।

हालांकि, कुर्सी जाने की इन अटकलों के बीच पहलाज निहलानी ने फिल्मों में अभिनेताओं के शराब पीने के दृश्यों पर सवाल उठाया है। द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक उन्होंने कहा है, ‘फिल्म में शराब या धूम्रपान के दृश्यों के लिए दूर कोने में वैधानिक चेतावनी लिख देना भर काफी नहीं है।’

पहलाज निहलानी ने आगे कहा, ‘लाखों फॉलोवर्स वाले सुपर स्टार्स को सामाजिक व्यवहार में एक उदारण पेश करना चाहिए और जब तक बहुत जरूरी न हो पर्दे पर शराब का सेवन या धूम्रपान करते हुए नहीं दिखाना चाहिए।’ सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक जिन फिल्मों में शराब दिखाना निहायत ही जरूरी है, उन्हें ‘ए’ सर्टिफिकेट दिया जाना चाहिए।

हाल ही में उन्‍होंने शाहरुख खान की आगामी फिल्‍म ‘जब हैरी मेट सेजल’ के एक शब्‍द ‘इंटरकोर्स’ को लेकर आपत्ति जताई थी। हाल ही में ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’के निर्माता प्रकाश झा ने कहा था,’ यह (सेंसरशिप) समस्या तब तक बनी रहेगी, जब तक किसी के पास सेंसर करने की, कांट-छांट करने की ताकत या आजादी रहेगी।

सीबीएफसी में कुछ सदस्य हैं, जिनकी अपनी खुद की सोच है और वे उसी के हिसाब से दिशानिर्देशों की व्याख्या करते हैं. वे अपनी पसंद-नापसंद के हिसाब से फैसले लेते हैं।’ फिल्मकार श्याम बेनेगल, सुधीर मिश्रा, नीरज घैवान सहित अन्य ने प्रकाश झा की फिल्म ‘लिपस्टिक अंडर माई बुर्का’ को प्रमाणपत्र देने से इनकार करने के सेंसर बोर्ड के फैसले की आलोचना की।

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