एडटेक कंपनी बायजूस (Byju’s) पिछले कुछ समय से वित्तीय संकट से जुझ रही है। बायजू अगले साल मार्च तक कंपनी ऑपरेशंस के लिए 600-700 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने की प्रक्रिया में है। सूत्रों की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई। इस बीच, कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन ने हाल ही में सैलरी का भुगतान करने के लिए अपने पारिवारिक सदस्यों के घर और अचल संपत्तियों को गिरवी रखा है।
बेंगलुरु के दो घरों को गिरवी रखकर उन्होंने करीब 100 करोड़ रुपए जुटाए और करीब 15,000 एम्प्लॉइज को सैलरी दी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। पिछले कुछ दिनों में बायजूस के साथ ऐसे ही कुछ और इवेंट हुए हैं जो उसकी लगातार खराब होती स्थिति को दर्शाते हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने बायजूस के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई शुरू की। बायजूस पर ₹158 करोड़ के पेमेंट में चूक का आरोप है। बायजूस को 6 जनवरी को इस पेमेंट को लेकर नोटिस भेजा गया था।
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बायजूस की इस स्थिति पर कई लोगों के मन में एक सवाल है- कंपनी इस स्थिति में कैसे पहुंची और क्या बायजूस दिवालिया हो जाएगा? भारत की एडटेक स्टार्टअप बायजूस पर करीब 800 मिलियन डॉलर का लोन है। अगर बायजूस के एस रवींद्रन की बात करें तो उन पर 400 मिलियन डॉलर का लोन है। हाल में ही बायजूस 1.5 अरब डॉलर का टर्म लोन का ब्याज चुकाने से में विफल रही थी जिसके बाद उसे कानूनी लड़ाई का सामना करना पड़ रहा है।
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बायजूस ने हाल में ही अमेरिका की किड्स डिजिटल रीडिंग प्लेटफार्म को 400 मिलियन डॉलर में बेच दिया है, इसके बाद भी कंपनी की नकदी की समस्या सुलझ नहीं रही है। Byjus के रविंद्रन ने अपने और अपने परिवार के मालिकाना हक वाली संपत्ति को गिरवी रखकर अपने स्टाफ को वेतन देने का फैसला किया है।
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इस साल नवंबर में बायजूस पर ईडी की रेड हुई थी जिसमें थिंक एंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड पर FDI के तहत करीब 28000 करोड़ रुपये पाने के आरोप लगे हैं, वहीं जांच में भी पाया गया कि उन्होंने विदेशी निवेश के नाम पर करीब 9 हजार करोड़ रुपये विदेश में भेजे हैं, इन्ही सब बातों को देखते हुए एजेंसी को कुछ गड़बड़ लग रहा है।
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