जम्मू-कश्मीर फिर आतंकी हमले से दहला, 30 दिनों में 7 हमले, हमला करने वाले कौन?

हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं।

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जम्मू-कश्मीर में डोडा जिले के डेसा में आतंकवादियों की फायरिंग में सेना के कैप्टन समेत 4 जवान शहीद हो गए। एक पुलिस कर्मी की भी मौत हुई है। यानी कुल 5 लोगों की जान गई है। शहीद हुए राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों में कैप्टन बृजेश थापा, नायक डी राजेश, सिपाही बृजेंद्र, सिपाही अजय शामिल हैं। इनमें से सिपाही अजय सिंह राजस्थान के झुंझुनूं जिले की बुहाना तहसील के भैसावता कलां के रहने वाले थे। सेना इलाके में हेलिकॉप्टर, ड्रोन से आतंकियों की तलाश कर रही है।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 जुलाई को आतंकियों के हमले में जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए। आतंकियों ने पहाड़ी से घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर स्नाइपर गन से फायरिंग की। सेना ने भी काउंटर फायरिंग की, लेकिन आतंकी जंगल में भाग गए।

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हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े कश्मीर टाइगर्स ने ली है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमले में आर्मी के कैप्टन समेत 12 जवान मारे गए हैं, जबकि 6 घायल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आर्मी चीफ से मुठभेड़ की जानकारी ली है। जम्मू डिवीजन के डोडा में 34 दिन में यह पांचवां एनकाउंटर है। इससे पहले 9 जुलाई को एनकाउंटर हुआ था। यहां 26 जून को एक और 12 जून को 2 हमले हुए थे। इसके बाद सुरक्षाबलों-आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें 3 आतंकी मारे गए थे।

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बता दें कि जम्मू के डोडा जिले में सोमवार देर रात भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने अचानक हमला बोल दिया। आतंकवादियों की सूचना मिलते ही सेना मौके पर पहुंची और मुठभेड़ शुरू हो गई। इस एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल हुए एक अधिकारी समेत सेना के चार जवानों की मंगलवार (16 जुलाई, 2024) को मौत हो गई। आधिकारिक सूत्रों ने 4 मौतों की जानकारी दी है।

पिछले 5 सालों से ये आतंकी ग्रुप एक्टिव
मार्च, 2023 में राज्यसभा में सवालों का जवाब देते हुए सरकार ने UAPA के तहत बैन किए गए इन आतंकी संगठनों के नाम बताए और इससे जुड़ी जानकारी दी।

1. द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF): ये 2019 में अस्तित्व में आया। भारत सरकार का मानना है कि लश्कर-ए-तैयबा का प्रॉक्सी आतंकी संगठन है। ये आतंकी संगठन सुरक्षाबलों के जवानों की हत्या, निर्दोष नागरिकों की हत्या, आतंकी गतिविधियों के लिए सीमा पार से ड्रग्स और हथियार की तस्करी में शामिल रहा है। भारत सरकार ने इस गुट को UAPA के तहत बैन किया है।

2. पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF): ये जैश-ए-मोहम्मद का प्रॉक्सी आतंकी संगठन है। ये भी 2019 में बना था। ये कश्मीर में युवाओं को आतंकी गुट में रिक्रूट करने और हथियारों की ट्रेनिंग देने का काम करता है। ये सुरक्षाबलों, राजनेताओं और लोगों को धमकियां जारी करता है। सरकार ने इसे UAPA के तहत बैन कर रखा है।

3. जम्मू एंड कश्मीर गजनवी फोर्स (JKGF): ये गुट 2020 में बना। इसका काम अलग-अलग आतंकी संगठनों जैसे-लश्कर और जैश के कैडर का इस्तेमाल कर टेरर एक्टिविटीज को अंजाम देना है। भारत सरकार ने इस गुट को भी UAPA के तहत बैन किया है।

4. कश्मीर टाइगर्स (KT): कश्मीर टाइगर्स भी जैश-ए-मोहम्मद का प्रॉक्सी टेरर ग्रुप है। कश्मीर टाइगर्स ने ही कठुआ में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है।

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