इंटरनेशनल डेस्क: 26 फरवरी को हुई इस एयरस्ट्राइक के सबूतों पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है। इन सवालों के बीच सोशल मीडिया पर एक नया वीडियो वायरल हुआ है जिसे बालाकोट एयरस्ट्राइक का बताया जा रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत की तरफ से किए गए हमले में 200 से अधिक आतंकी मारे गए हैं।
आपको बता दें, ये दावा करने वाले अमेरिकी कार्यकर्ता सेंगे हसनैन सेरिंग हैं। उन्होंने अपने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया है। जिसमें पाक अफसर गांव के लोगों को दिलासा दे रहे हैं। सेरिंग का कहना है कि एयर स्ट्राइक में मारे गए कुछ लोगों के शव बालाकोट से खैबर पख्तूनख्वा भेजे गए थे।
सेरिंग के पोस्ट किए गए वीडियो में कुछ पाकिस्तानी अफसर कबाइलियों के बीच बैठे नजर आ रहे हैं। उन्हें समझाइश दे रहे हैं कि जो हुकूमत के साथ खड़े होकर लड़ाई करता है वह जिहाद है। इसके बाद वीडियो में एक अन्य व्यक्ति की आवाज आती है जो कहता है- यह रुतबा अल्लाह के कुछ खास बंदों को नसीब होता है। आपको पता है कि कल 200 बंदे ऊपर गए। इनके नसीब में शहादत लिखी हुई थी। हमारे नसीब में नहीं लिखी थी। जिस पर अल्लाह की रहम-ओ-करम होती है उसे ही यह नसीब होता है। कोई चीज होती है हमें बेफिक्र होकर बताएं।
#Pakistan military officer admits to “martyrdom” of more than 200 militants during Indian strike on #Balakot. Calls the terrorists Mujahid who receive special favors/ sustenance from Allah as they fight to support PAK government [against enemies]. Vows to support families pic.twitter.com/yzcCgCEbmu
— #SengeSering ས།ཚ། (@SengeHSering) March 13, 2019
समाचार एजेंसी ANI के दावे के मुताबिक, ये वीडियो उर्दू मीडिया में काफी वायरल हो रहा है और कई तरह के सवालों को जन्म दे रहा है. उर्दू मीडिया के अनुसार, एयरस्ट्राइक के बाद कई लाशों को बालाकोट से खैबर पख्तूनवा शिफ्ट किया गया था। हालांकि, सेरिंग का कहना है कि वीडियो की विश्वसनीयता को लेकर वे आश्वस्त नहीं हैं। लेकिन इतना यकीन जरूर है कि पाक बालाकोट की सच्चाई को छिपा रहा है।
सेंगे के मुताबिक- जैश-ए-मोहम्मद ने दावा किया था कि वहां (बालाकोट में) मदरसा था। उसी वक्त उर्दू मीडिया के हवाले से खबरें आईं कि भारतीय वायुसेना के हमले के अगले दिन या कुछ दिन बाद कुछ शवों को बालाकोट से खैबर पख्तूनख्वा ले जाया गया। इस बात के काफी सबूत हैं जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि भारतीय वायुसेना की बालाकोट में कार्रवाई कामयाब रही। पाक इसमें अभी तक कुछ भी साबित नहीं कर सका है।
‘अंतरराष्ट्रीय मीडिया को क्यों रोका गया’
सेरिंग का कहना है कि एयर स्ट्राइक के बाद से स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया के बालाकोट जाने पर बंदिशें लगाई गई हैं। पाक लगातार दावा कर रहा है कि भारतीय विमानों के हमले में कुछ पेड़ों और खेतों को नुकसान पहुंचा। सेरिंग का सवाल है कि पाक बगैर किसी ठोस कारण के इतने दिनों तक इस इलाके को सील क्यों कर रहा है?
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