सबसे ज्यादा इस पार्टी के MLAs और MPs के दामन पर दाग, जानिए कैसा होगा PM का कानून

दागी विधायकों के मामले में उत्‍तर प्रदेश भले ही चौथे स्‍थान पर रहा हो लेकिन संख्या यहां भी कम नहीं है। 36 फीसद विधायक दागी हैं। इसमें 27 फीसद विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहे राजनेताओं को चुनाव लड़ने की अनुमति दे दी है लेकिन कोर्ट ने सरकार से इस मामले में कानून बनाने को भी कहा है। हैरानी की बात ये है कि मोदी सरकार के एक तिहाई सांसद आपराधिक मामलों में खुद ही फंसे हुए हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 30 फीसद सांसदों और 33 फीसद विधायकों पर आपराधिक मुकदमें दर्ज हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में लोकसभा में 542 सांसद हैं। इनमें से कई सांसदों पर हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं। इनमें से 179 पर आपराधिक मामले दर्ज है। इनमें से 114 सांसदों पर आपराधिक या बालात्‍कार जैसे गंभीर मामले हैं। वहीं राज्यसभा की बात करें तो 228 सदस्‍यों में से 51 पर आपराधिक मामले दर्ज है। आप खुद सोचिए जिन राजनेताओं पर बलात्कार और हत्या जैसे गंभीर मामले दर्ज हो वो कानून बनाने वाली सांसद का अहम हिस्सा है।

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अब जानिए देश के उन राज्यों का हाल जिसकी विधानसभा में दागी विधायकों का दबदबा है। इसमें झारखंड का नाम 63 फीसद विधायकों के साथ सबसे अव्वल स्थान पर है। इनमें 49 फीसद विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। इस मामले में केरल दूसरे स्‍थान पर है। यहां 62 फसीद विधायक दागी हैं। इनमें से 19 फीसद विधायकों पर गंभीर मामलों में फंसे हैं और इसी मामले में बिहार तीसरे स्‍थान पर है। बिहार विधानसभा में 58 फीसद विधायक दागी हैं। इनमें से 40 फीसद विधायकों पर गंभीर मामले के आरोप हैं।

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दागी विधायकों के मामले में उत्‍तर प्रदेश भले ही चौथे स्‍थान पर रहा हो लेकिन संख्या यहां भी कम नहीं है। 36 फीसद विधायक दागी हैं। इसमें 27 फीसद विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। उत्‍तराखंड विधानसभा में 31 फीसद विधायक दागी हैं, इनमें से 20 फीसद विधायकों पर गंभीर मामले दर्ज हैं। इस मामले में पूर्वोत्‍तर के राज्‍य भी पीछे नहीं हैं। असम विधानसभा में सर्वाधिक 11 फीसद विधायक दागी हैं। सिक्किम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर विधानसभा में दागियों की संख्या तीन फीसद है। अरुणाचल प्रदेश में दागियों की संख्‍या एक फीसद है।

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बलात्कार के मामले सबसे ज्यादा-

जिन नेताओं को वोट देते वक्त जनता भरोसा करती है कि वह उनकी सुरक्षा करेंगे लेकिन जब वहीं दागी निकल जाए तो क्या करे आम जनता। गजब की बात तो देखिए ये नेता जेल में नहीं बल्कि संसद में बैठते हैं। महाराष्‍ट्र महिलाओं से छेड़छाड़ और बलात्कार मामले में सबसे ऊपर है। यहां के 12 सांसदों एवं विधायकों पर मामले दर्ज हैं। दूसरे स्‍थान पर पश्चिम बंगाल है और आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है।

इसके अलावा विवादित भाषण और अपहरण के मामले में भी उत्तरप्रदेश और महाराष्ट्र कई दागी विधायकों के नाम दर्ज है। अब देखिए कितना अजीब है कि देश की संसद ऐसे अपराधियों से भरी पड़ी है जिसमें से ज्यादातर वर्तमान सरकार भाजपा से वास्ता रखती है ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पीएम मोदी एंड पार्टी अपने नेताओं को बचाने के लिए कैसा कानून बनाती है।

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