अकेले एसएचओ नहीं कर सकता इतना बड़ा खेल, अन्य महकमों के अधिकारियों की भूमिका भी संदिग्ध

बेंगू के थानाधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने सिर्फ बेंगू थाना क्षेत्र में अफीम के डोडा चूरे के निस्तारण के नाम पर चार करोड़ की वसूली करने का लक्ष्य रखा था।

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भीलवाड़ा/ चित्तौड़गढ़: बेंगू के थानाधिकारी वीरेन्द्र सिंह ने सिर्फ बेंगू थाना क्षेत्र में अफीम के डोडा चूरे के निस्तारण के नाम पर चार करोड़ की वसूली करने का लक्ष्य रखा था। इतनी बड़ी राशि वह अकेले ही हेराफेरी करके वसूल नहीं कर सकता था। डोडा चूरे के नष्टीकरण के लिए एक निर्धारित प्रक्रिया है। इसके लिए बकायदा चार महकमों के अधिकारियों की एक समिति बनती है। सभी की मिलीभगत के बिना इतनी बड़ी हेराफेरी संभव है। बेंगू प्रकरण के बाद पूरे जिले में डोडा चूरा नष्ट करने की कार्रवाी पर सवालिया निशान खड़े हो गए है।
एसीबी सूत्रों के अनुसार थानाधिकारी के पकड़े जाने के बाद बेगूं में नारकोटिक्स, आबकारी और राजस्व विभाग के अधिकारी भी जांच के दायरे में आ गए हैं। पुलिस के अलावा डोडा चूरा नष्टीकरण के सभी प्रकरण में अन्य विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी भी जरूरी है। नियमानुसार डोडा चूरा जलाने एवं खराब अफीम की फसल को जलाने के लिए नारकोटिक्स, आबकारी, उपखंड अधिकारी एवं पुलिस उपअधीक्षक के प्रतिनिधि मौजूद रहते हैं। नष्टीकरण के प्रमाण पत्र पर सभी के हस्ताक्षर होते हैं। ऐसे में लेनदेन के इतने बड़े सौदे में अन्य विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच हो रही है।
जुलाई और अगस्त में बेंगू पुलिस द्वारा डोडा चूरा पकड़े जाने की आधा दर्जन कार्रवाई की गई थी। इन सभी कार्रवाई में भारी गड़बड़ी की आशंका है। ये कार्रवाई भी एसीबी की जांच के निशाने पर हैं। इनमें से दो मामले ऐसे हैं, जिनमें पुलिस को देखकर वाहन चालक का फरार होना बताया गया था। मौके पर सिर्फ वाहन और डोडा चूरा मिला था। इस मामले में बड़ा लेनदेन हुआ बताया। चर्चा यह भी है कि बेगूं से जुलाई में बहुत बड़ी राशि लेकर तस्करों की डोडा चूरा की बड़ी खेप निकाली गई थी। जानकारों के अनुसार बेगूं थाना पुलिस ने दो माह में छह कार्रवाई कर कार और एक टेम्पो से छह क्विंटल डोडा चूरा पकड़ना बताया था। ये मामले डोराई और चेंची मार्ग पर पकड़े गए थे, लेकिन पुलिस ने जब्ती पालनपुर मोड़ पर बताई।
उदयपुर संभाग में ज्यादा समय बिताया
विधायक को घूस की पेशकश करने के आरोप में पकड़ा गया बेगंू थाने का निरीक्षक वीरेन्द्र सिंह की ज्यादातर समय पोस्टिंग उदयपुर रेंज में रही। जानकारों के अनुसार वीरेन्द्र सिंह 1996-97 के बैच में उपनिरीक्षक के पद पर भर्ती हुआ था। करीब सात साल जोधपुर रेंज में बिताने के बाद वह 2004-05 में उदयपुर में रेंज में आ गया। उसने उदयपुर और चित्तौड़गढ़ के कई थानों में थानाधिकारी के रूप में सेवाएं दी। वर्ष 2010 में उसकी निरीक्षक के रूप में पदोन्नति हो गई।
चार साल तक एसीबी में भी सेवाएं
वीरेन्द्र सिंह ने निरीक्षक बनने के बाद चार साल तक एसीबी में भी सेवाएं दी। वह दो साल बांसवाड़ा और दो साल उदयपुर एसीबी चौकी में पदस्थापित रहा। वर्ष २०१६ में वह वापस उदयपुर पुलिस में आ गया। यहां डबोक और अन्य जगह थानाधिकारी रहा। इसके बाद 2018 में रावतभाटा थानाधिकारी रहा। वहां से एक सितम्बर 2018को वह बेगूं थाने में लगा, तब से यहीं पर था।

देव प्रकाश रिपोर्ट